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    विजय शंकर

    2019 की शुरुआत में अपने वनडे करियर की शुरुआत करने से लेकर चार महीने बाद भारत की विश्व कप 2019 टीम का हिस्सा बनने तक, यह साल अब तक हरफनमौला खिलाड़ी विजय शंकर के लिए काफी उल्लेखनीय रहा है।

    भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद द्वारा विजय शंकर को दिए गए ‘3-आयामी’ टैग और भारतीय टीम के बल्लेबाजी क्रम में नंबर 4 स्लॉट के आसपास की सभी चर्चाओं ने सुर्खियों में ला दिया है। । हालांकि, 28 वर्षीय शंकर का कहना है कि वह अपने आसपास के सभी प्रचारों से विचलित नहीं हो रहा है।

    शंकर ने इंडिया टुडे को बताया, “खैर, नंबर चार स्लॉट के बारे में बहुत बहस हो सकती है। क्रिकेटर्स के रूप में हम इन सभी चीजों का सामना करते हैं। वास्तव में इसे सरल रखना और अपनी खुद की ताकत पर विश्वास करना वास्तव में महत्वपूर्ण है।”

    इंग्लैंड के लिए उड़ान भरने से पहले विजय शंकर के लिए 4 से 5 महीने का सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा जिसमें उन्होने बहुत मेहनत कि और विश्वकप की टीम में जगह बनाई।

    मेलबर्न से माउंट मंगनुई तक, शंकर को अपने पहले तीन वनडे मैचो में बल्लेबाजी कौशलता दिखाने का कोई मौका नही मिला। और आखिरीकार फिर उन्हें वेलिंग्टन में मौका मिला- जहां न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी और पांचवा वनडे मैच खेला गया था। जहां वह नंबर 6 पर बल्लेबाजी करने के लिए उतरे थे और 45 रन की पारी खेली थी। उसके बाद उन्होने घर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में 4 पारियो मे 120 रन बनाए है।

    लेकिन आईपीएल में शंकर अपने बल्ले से कोई जादु नही कर सके और वह 15 मैचो में मात्र 244 रन ही बना सके। जिसके बाद कई लोगो ने उनकी विश्वकप में भागीदारी को लेकर सवाल उठाए लेकिन इसके बावजूद शंकर ने कहा उन्होने टर्नामेंट में ठीक ठाक रन बनाए।

    उन्होने सफाई देते हुए कहा, ” आपको वह स्थिती देखनी चाहिए जहां पर मैं बल्लेबाजी करने आता था। मैं ज्यादतर मौको पर 13वे और 14वें ओवर में बल्लेबाजी के लिए आया था। उस समय बस में टीम के लिए योगदान देने के बारे में सोच रहा था।”

    ठीक यही काम उन्होंने 10 दिनों के दौरान किया जब उन्हें इंग्लैंड के लिए रवाना होने से पहले चेन्नई में बिताना पड़ा।

    शंकर ने कहा, ” मैं यह यकीन कर सकता हूं आईपीएल के समाप्त होने के बाद से मैंने बहुत अच्छी ट्रेनिंग ली है। यह ऐसा कुछ अलग नही था लेकिन मैं अपने कोच के साथ अपनी कौशलताओं पर और काम कर रहा था। यह सब अच्छे स्थान पर होने और आश्वस्त होने के बारे में था। नंबर चार से अधिक, मुझे लगता है कि यह उन परिस्थितियों और वहां की स्थितियों (इंग्लैंड) से शीघ्रता से निपटने के बारे में है जिनका मैं सामना कर सकता हूं। यह इस नंबर चार स्लॉट के बारे में सोचने से ज्यादा महत्वपूर्ण है।”

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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