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    भारत से फरार विजय माल्या

    “किंगफ़िशर” के मालिक, विजय माल्या ने बैंक को पैसे चुकाने की इच्छा फिर दोहराई है। मगर उन्होंने शर्त रखी है कि इसके बदले उधारदाता ये पट्टियाँ पढना छोड़ देंगे कि उन्होंने पैसे चुराए हैं।

    विजय ने बैंक से उनसे सारे पैसे मांगने के लिए प्रस्ताव रखा था और उसके एक ही दिन बाद, एक बार फिर उन्होंने अपने प्रस्तावित समझौता प्रस्ताव और यूके अदालत में आने वाले फैसले के बीच किसी भी सम्बन्ध की रिपोर्ट को खारिज़ कर दिया है जिसमे भारत के लिए प्रत्यर्पण को रोकने के लिए अनुरोध किया गया है।

    उन्होंने ट्वीट किया-“सभी टिप्पणीकारों के लिए पूरे सम्मान में, मुझे समझ नहीं आ रहा हैं कि कैसे मेरा प्रत्यर्पण का फैसला या हाल ही में दुबई से प्रत्यर्पण और मेरा समझौता प्रस्ताव आपस में जुड़े हुए हैं। मैं जहा कही भी शारीरिक रूप में मौजूद हूँ, मेरी अपील है की,’कृपया पैसे लेले’। मैं इस कहानी को रोकना चाहता हूँ जिसमे ये कहा गया है कि मैंने पैसे चुराए हैं।”

    बुधवार के दिन, माल्या ने अपने खिलाफ लगे इल्ज़ामों को खारिज़ करते हुए कहा था कि उन्होंने बैंक से जितना भी पैसा उधार लिया है वे सब लौटा देंगे।

    उन्होंने ट्ववीट किया था-” एटीएफ की बढ़ती कीमतों के कारन एयरलाइन्स आर्थिक रूप से संघर्ष कर रही थी। ‘किंगफ़िशर’ एक अच्छी एयरलाइन थी जिसने 140 डॉलर प्रति बैरल की सबसे ज्यादा कच्ची कीमतों का सामना किया। घाटे बढ़ते गए और इसी जगह बैंकों का पैसा चला गया। मैंने उन्हें प्रिंसिपल राशि का 100% चुकाने की पेशकश की है। कृपया इसे ले ले।”

    उन्होंने इसी मामले में एक और ट्वीट कर लिखा-“”भारत के सबसे बड़े शराब पीने वाले समूह को चलाने में तीन दशकों तक, हमने राज्य राजकोष को हजारों करोड़ का योगदान दिया। ‘किंगफिशर’ एयरलाइंस ने भी राज्यों को सौहार्दपूर्ण योगदान दिया। बेहतरीन एयरलाइन का दुखद नुकसान, लेकिन फिर भी मैं बैंकों को भुगतान करने की बात करता हूं इसलिए कोई नुकसान नहीं। कृपया इसे ले ले।”

    पिछले महीने, मनी लॉंडरिंग एक्ट (पीएमएलए) की एक विशेष रोकथाम ने माल्या की याचिका को खारिज कर दिया था जिसमे उन्होंने मांग की थी कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उन्हें भगोड़ा घोषित करने के आवेदन की सुनवाई को रोक दिया जाये।

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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