बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने इस्तीफा देने के बाद भाजपा के साथ फिर सरकार बना ली है। कल संसद में नीतीश लालू और उनके बेटे तेजस्वी यादव पर जमके बरसे। उन्होंने कहा कि हम विचार से धर्मनिरपेक्षता और पारदर्शिता के समर्थक हैं। किसी भी तरह से कोई धन संपत्ति अर्जित करने के लिए राजनीति करेगा तो हम उसका साथ नहीं दे सकते। यह हमारा संकल्प है।
जाहिर है कल विश्वासमत साबित करके नितीश कुमार ने पहली बार बिहार की जनता को सम्बोधित किया। उन्होंने लालू और तेजस्वी यादव के बारे में कहा कि, ‘ बिहार की जनता ने जो जनादेश (मेनडेट) दिया है वह काम करने, जनता की सेवा और पारदर्शिता के लिए दिया है। कई प्रकार की कठिनाइयां आयीं। हमने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए हर समस्या को दूर करने की कोशिश की और एक पार्टी द्वारा गठबंधन धर्म के विपरित न जाने कितने व्यक्तव्य दिए गए। मैंने सबको झेला।’
नीतीश ने कहा, ‘हमको धर्मनिरपेक्षता का पाठ इस देश में कोई नेता नहीं पढा सकता है, हम जानते हैं कि इन लोगों की क्या स्थिति है। ये धर्मनिरपेक्षता का इस्तेमाल खुद को बचाने के लिए करते हैं।’ उन्होंने अपने इस्तीफे के बारे में कहा कि,’ हमने जब समझा कि मेरे लिए अब यह चलाना संभव नहीं है तब हमने अपने आपको अलग कर लिया। हमने जो भी फैसला लिया वह बिहार के विकास के हित में लिया है।’