लेखक और र्निदेशक विनीता नंदा, जिन्होंने एक्टर आलोक नाथ पे योन उत्पीड़न का इलज़ाम लगाया था, उन्होंने रविवार को कहा कि अब अपनी बात को सही साबित करने के लिए उनपर मेडिकल टेस्ट का बोझ है।
पत्रकार बरखा दत्त से शो “वी द वीमेन” पे ‘आफ्टर द मीटू रेवोलुशन, व्हाट नेक्स्ट?’ पे बात कर रही थीं। उन्होंने कहा कि वे जितना कर सकती थी उतना उन्होंने किया।
उनके मुताबिक, “मैंने पुलिस के पास शिकायत दर्ज़ कराई। उन्हें तीन हफ्ते लगे मुझे कॉल करके ये बताने में कि वे लोग एफआईआर दर्ज़ कर रहे हैं। एफआईआर दर्ज़ करने के बाद, उन्हें गिरफ्तार कर लेना चाहिए था या जांच पड़ताल आगे चलानी चाहिए थी मगर बोझ फिरसे मुझपे आ गया। मुझे बीस साल बाद मेडिकल टेस्ट के लिए जाना होगा। पेपर में ये लिखा था कि मैं मेडिकल टेस्ट के लिए जाऊँगी, तभी जांच आगे बढ़ेगी।”
उन्होंने आगे ये भी कहा कि वे अलोक नाथ के घर भी गयी थी। उन्होंने उनकी पत्नी से इस बारे में बात भी की थी मगर उनकी पत्नी ने कहा कि वे इसमें कुछ नहीं कर सकती। वे लाचार थी। वे पुलिस के पास भी नहीं जा सकती थी क्योंकि वे बहुत डरी हुई थीं।
नंदा ने कहा की ये चुप्पी इनके अंदर अलग अलग तरीको से प्रकट थी जो अपनी कहानी बताते वक़्त बाहर आ गयी। उनके अनुसार, “चुप्पी अलग अलग तरीको से प्रकट होती है। अगर आप शांत इंसान नहीं हो, अगर आप वो इंसान हो चीज़ो का सामना करता है और उनसे हिम्मत के साथ लड़ता है तो आप उस चुप्पी को ज्यादा समय तक अपने अंदर नहीं रख सकते क्योंकि तुम एक ऐसी चीज़ अपने अंदर रख रहे हो जो तुममे कुदरती नहीं हैं।”
“मेरे स्वाभाव में भरोसा ना करना और नकारात्मक चीज़े आ गयी थी जो चुप्पी के कारण हुई मगर जब मैंने फेसबुक पे पोस्ट किया तो ये सारी चीज़े चली गयीं। आज मुझसे मेरे कई दोस्त पूछते हैं कि मुझे क्या हुआ है, अब हम तुम्हारे साथ सिनेमा पे बात कर रहे हैं।”
इस डिस्कशन में विनीता के साथ साथ फिल्म मेकर पारोमिता वोहरा, और बहनें जेसमे और महिमा कुकरेजा भी मौजूद थीं।