Mon. Dec 23rd, 2024

    सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण रोकने में विफल रहने पर, खासकर तौर से दिवाली बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता अत्यधिक खराब स्तर पर पहुंचने को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने हालांकि प्रगति मैदान में भारत व्यापार संवर्धन संगठन(आईटीपीओ) के लिए निर्माण कार्य पर रोक नहीं लगाई है, जहां व्यापार मेला में भारी संख्या में लोग जमा होते हैं। वायु प्रदूषण मामले में इस सप्ताह की शुरुआत में सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने दिल्ली में वायु, जल और कूड़े की स्थिति को देखते हुए शहर को ‘ नरक से बदतर’ बताया था।

    सुनवाई के अंत में, केंद्र ने न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ से आईटीपीओ में सीमित निर्माण गतिविधि की इजाजत देने का आग्रह किया था, ताकि क्षेत्र को प्रदर्शनी के लिए तैयार किया जा सके।

    केंद्र ने आश्वस्त किया कि इस गतिविधि से किसी भी प्रकार के प्रदूषण को फैलने नहीं दिया जाएगा, जिसके बाद कुछ शर्तो के बाद कोर्ट ने इसकी इजाजत दी।

    यह निर्देश शीर्ष अदालत द्वारा अपनाए गए वायु प्रदूषण के चलते किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य को लेकर जीरो टॉलरेंस के सिद्धांत का विरोधाभाष है।

    केंद्र ने कोर्ट से कहा, “इस समारोह के आयोजन के लिए केवल सात दिनों का कुछ काम शेष बचा है, जैसे कि हाउसकीपिंग और हॉलों की सफाई, भैरो रोड से पहुंचने के लिए मार्ग तैयार करना, हॉल नंबर 5 को मजबूती के साथ तैयार करना आदि कार्य शेष हैं।”

    इससे पहले कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा था, “रिपोर्ट्स और वैज्ञानिक आंकड़े दिखाते हैं कि वायु प्रदूषण की वजह से बड़ी संख्या में लोग भयानक बीमारियों जैसे कैंसर, अस्थमा और अन्य बीमारियों से ग्रस्त हैं। जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।”

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *