पश्चिम बंगाल में वामपंथियों के साथ गठबंधन करने के मामले पर बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इस बारे में वाम दलों से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है। इस बीच माकपा और कांग्रेस चुनाव से पहले एक गठजोड़ की फिराक में है।
ममता बनर्जी पिछले दो दिनों से दिल्ली में हैं। उन्होंने भाजपा को हराने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट होने को कहा है। रिपोर्टरों द्वारा सवाल किए जाने पर कि राज्य में अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी के साथ भाजपा को विफल करने के लिए ममता साथ आएंगी तो उन्होंने कहा कि ” मुझे नहीं पता कि वामपंथी हमारे साथ आएंगे या नहीं। हमने बात नहीं की है।”
उन्होंने कहा कि वे बंगाल में कांग्रेस व वाम के खिलाफ लड़ती आई हैं ।
वहीं सीपीआई (एम) नेता सीताराम यचुरी ने अपनी पार्टी को किसी महागठबंधन का हिस्सा नहीं बताया है। बुधवार को आप सरकार की रैली में जब ममता बनर्जी नेता आई तो वाम नेता मंच से चले गए थे। उन्होंने कहा था कि बंगाल में वे टीएमसी के साथ किसी तरह का गठबंधन करने के इच्छुक नहीं है। राज्य में हमेशा से विरोधी रहे हैं।
वामपंथियों के तरफ से स्पष्ट जवाब आने के बाद बनर्जी ने कहा कि “वह सभी राजनीतिक दलों जो चुनाव पूर्व गठबंधन के लिए नहीं गए हैं, वे उनके फैसले का सम्मान करती है।”
ममता ने कहा कि “राज्यों में राजनीतिक मजबूरियां हैं, लेकिन चुनाव के पूर्व राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन करने से पार्टियां चुनाव के बाद सरकार बनाने का दावा कर सकती हैं। हालांकि, जो दल चुनाव पूर्व गठबंधन पर फैसला नहीं ले सके, मैं मानती हूं कि उनकी राजनीतिक मजबूरियां हैं।”
माकपा ने अप्रैल 2018 में कहा था कि आगामी चुनावों के दौरान उनका उद्देश्य “भाजपा विरोधी, टीएमसी विरोधी मतों की पूलिंग को ज्यादा से ज्यादा” करना होगा।
राष्ट्रपति भवन का दौरा करने के दौरान जब ममता से सवाल किया गया था कि महागठबंधन में से प्रधानमंत्री चेहरा क्या वे है तो उन्होंने यह कहते हुए बात टाली थी कि विपक्षी दलों के सभी नेता देश का नेतृत्व करने योग्य हैं।
भाजपा नेताओं द्वारा राज्य में रैलियां करने से रोकने पर ममता ने कहा कि वे “झूठे” थे।
उन्होंने कहा, “वे झूठ बोल रहे हैं कि उन्हें रैलियां करने नहीं दी गई। जबकि उस समय अमित शाह को स्वाइन फ्लू था, अब जब उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है तो वे रैलियां करेंगे।”
बंगाल में भाजपा सरकार बनने की संभावनाओं पर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि भगवा पार्टी के पास फिलहाल राज्य में दो सीटें हैं और आगामी चुनावों के बाद यह “शून्य” हो जाएगा।
उन्होंने कहा, इस बार बीजेपी को बंगाल में एक भी सीट नहीं मिलेगी, उन्हें शून्य हासिल होगा। दोनों (मोदी और शाह) बंगाल में चुनाव लड़ें, वे निश्चित तौर पर हार जाएंगे।”
बनर्जी ने बताया कि इस महीने के अंत में वे एकबार फिर विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर दिल्ली का दौरा करेंगी।