राजस्थान में युवा कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर राज्य के लोगों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया और कहा कि राजे को फिर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना कर भाजपा ने अपने जीतने की उम्मीदें बिलकुल ख़त्म कर दी है।
एक इंटरव्यू में पायलट ने कहा कि आज राजस्थान में सबसे मुख्य मुद्दा किसानों की दुर्दशा का है। उन्होंने कहा कि वसुंधरा जी की नीतियों से मजबूर होकर किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। राजस्थान में कभी किसानो ने आत्महत्या नहीं कि लेकिन वसुंधरा जी ने ऐसे हालात बना दिए कि किसानों के पास और कोई विकल्प नहीं रहा।
सचिन ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता किसानो की हालत को सुधारना है। दूसरी प्राथमिकता युवाओं के लिए जॉब उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 15 लाख जॉब देने का वादा किया था। सचिन पायलट ने कहा कि वसुंधरा जी ने 611 वादे किये थे लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया।
सचिन पायलट ने किसानों की ऋण माफ़ी की घोषणा को वसुंधरा का छलावा कहा। बकौल पयलट, अगर वसुंधरा जी को किसानों की इतनी ही चिंता थी तो ऋण माफ़ी की घोषणा के लिए साढ़े 4 सालों का इंतज़ार क्यों किया? किसानों को इस हालत तक पहुँचने से पहले ही उन्हें इसका ख्याल क्यों नहीं आया? ये सब बस एक राजनितिक चाल है किसानों को भ्रमित करने का।
राज्य में मुख्यमंत्री के चेहरे के सवाल पर पायलट ने कहा कि एक दो मौकों को छोड़ कर कांग्रेस ने कभी अपने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया है। उन्होंने कहा कि ‘कार्यकर्ता ही हमारा चेहरा है और राहुल गाँधी हमारे नेता। हम साथ मिलकर लड़ेंगे और जब बहुमत में आएंगे तो मिलकर फैसला करेंगे।’ भाजपा के मुख्यमंत्री के चेहरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा तो मुकाबला में ही नहीं है। अगर 1-2 फ़ीसदी चांस था भी भाजपा के मुकाबले में होने का तो वसुंधरा जी को मुख्यमंत्री घोषित करते ही वो भी चला गया।