भारतीय राजनीति में हमारे द्वारा पांच सालो के लिए एक सरकार चुनी जाती है जो हमारी समस्याओं का निवारण करती है।
परन्तु अधिकतर बार ऐसा होता है की अपने कार्यकाल के दौरान सरकार नाम मात्र काम करती है। पर चुनाव आते ही जैसे सभी दल चौकस हो जाते है।
चुनावी मौसम आते ही सरकार एक एक करके बड़े फैसले लेती है एवं जनता के लिए कामों का पुलिंदा बाँध देती है।
ऐसा ही हाल आज कल राजस्थान में देखा जा रहा है जहाँ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इन दिनों विकास परियोजनाओं की घोषणा करने के साथ-साथ काम न करने वाले अधिकारियों को निलंबित कर रही हैं।
इसके अलावा वसुंधरा प्रदेश की जनता से जन संवाद करके उनकी समस्या को सुनने और फौरन समाधान करने में जुटी है।
जैसा की हमें ज्ञात है इस साल के आखिर में राजस्थान में विधान सभा चुनाव हैं जो वसुंधरा राजे के राजनैतिक अध्याय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
राजस्थान में इन दिनों भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। पार्टी इन चुनावो के माध्यम से अगले साल होने वाले लोक सभा चुनावों को अपना लक्ष्य मान रही है।
इससे वसुंधरा राजे पर एक ज़िम्मेदारी आ गई है क्योंकि पार्टी को उनसे एक मज़बूत जनादेश की उम्मीद है।
वसुंधरा राजे के नाम पर पार्टी में काफी विचार विमर्श किया गया परन्तु अमित शाह ने राजे के नाम पर मोहर लगते हुए सारे विवाद को शांत किया।
बता दे कि जबसे वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री बानी है तब से राज्य में जितने भी उपचुनाव हुए हैं, उन सभी में बीजेपी की हार हुई है।
अजमेर, अलवर संसदीय सीट के साथ-साथ 16 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, बीजेपी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही है।
इससे राज्य में सत्ता विरोधी लहर की पुष्टि हो जाती है। इतना ही नहीं वसुंधरा सरकार के खिलाफ लगातार लोग सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं एवं उनकी खुद की पार्टी में उनके नाम पर काफी नेताओ ने आपत्ति जताई थी। इसलिए आगामी चुनाव वसुंधरा राजे के लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाले हैं।