राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने एक बार फिर कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर उनके और अशोक गहलोत के बीच कोई विवाद नहीं है। उन्होंने दोहराया कि राज्य में पार्टी की जीत के बाद पार्टी और विजयी विधायक मिलकर मुख्यमंत्री का चुनाव करेंगे।
पायलट ने कहा ‘उन्हें लगता है कि कृषि संकट और बेरोजगारी प्रमुख मुद्दे हैं जो उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ उठा रही हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने प्रचार से जनता में वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ भारी नाराजगी को दूर नहीं कर सकते।
पायलट ने एक साक्षात्कार में आईएएनएस को बताया ‘कि राजस्थान के 70 वर्षों के इतिहास में कांग्रेस पार्टी ने कभी भी एक व्यक्ति का चयन नहीं किया है। मुझे राज्य पार्टी अध्यक्ष के रूप में काम करने का बड़ा सम्मान मिला। निर्वाचित विधायकों और कांग्रेस पार्टी का जो भी निर्णय होगा वो हम सभी को स्वीकार्य होगा।’ उन्होंने कहा कि ‘का नेतृत्व मुद्दा भ्रम पैदा नहीं कर रहा है और हमारी पहली प्राथमिकता राज्य में जबरदस्त रूप से जीत हासिल करनी है।’
पायलट ने वसुंधरा सरकार पर राज्य की क़ानून व्यवस्था को ख़त्म करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सामाजिक असंतुलन, भीड़ द्वारा हत्या और सामाजिक अशांति के मामले बढ़ गए हैं और भाजपा जीत हासिल करने के लिए जाति, समुदाय और धर्म के बीच विभाजन करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री यहाँ चुनाव प्रचार करने आये हैं लेकिन वसुंधरा राजे के खिलाफ जनता में इतनी नाराजगी है कि मोदी भी उसे ख़त्म नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि मोदी प्रचार से थोड़ा असर होगा लेकिन उनके प्रचार के बावजूद भाजपा को दिल्ली और बिहार में हार का सामना करना पड़ा था। राजस्थान में भी यही होगा।’
पायलट ने कहा ‘वसुंधरा के खिलाफ जनता की भावनाओं को दरकिनार करके भी उन्हें मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाने की कीमत भाजपा को चुकानी होगी। भाजपा ने सत्ता विरोधी लहर के कारण 2013 में 200 में से 163 सीटें जीती थी लेकिन पार्टी ने जनादेश का अपमान किया। लोगों के साथ धोखा किया।’
टोंक में अपने खिलाफ भाजपा द्वारा यूनुस खान को टिकट देने के सवाल पर पायलट ने कहा ‘मुझे ख़ुशी है कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश की तरह यहाँ नहीं किया। पहले यूनुस को मुस्लिम होने की वजह से टिकट देने से इंकार किया गया और फिर उन्हें मुस्लिम होने की वजह से ही टिकट दिया गया। भाजपा मुसलमानो को पसंद नहीं करती लेकिन उनका वोट पाने के लिए उनका इस्तमाल करती है।
राजस्थान में 7 दिसंबर को विधानसभा की 200 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे।