कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद गुरुवार दोपहर को लोकसभा में ट्रिपल तालक विधेयक पेश करेंगे। भाजपा ने अपने सांसदों को लोकसभा में मौजूद रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। बहस तकरीबन चार घंटे तक जारी रहने की संभावना है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्यों ने कई पार्टी नेताओं से मुलाकात कर उनसे ट्रिपल तालक का अपराधीकरण न करने का आग्रह किया है। राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस बिल को लोकसभा ने 27 दिसंबर को चर्चा के लिए लेने का फैसला किया था, क्योंकि कांग्रेस बहस में भाग लेने के लिए सहमत हो गई थी।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा, “लैंगिक न्याय और लैंगिक समानता से जुड़े इस ऐतिहासिक मुद्दे को सामने लाना प्रधानमंत्री मोदी की सरकार का ऐतिहासिक फैसला है।”
एआईएमपीएलबी के सदस्य अबुतालिब रहमानी ने टाइम्स नाउ चैनल से कहा “हमने ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा था कि इस बार भी उन्हें लोकसभा में पेश होने पर बिल का विरोध करना चाहिए। मैं चंद्रबाबू नायडू का आभारी हूं। अशोक गहलोत हमसे मिले। मल्लिकार्जुन खड़गे हमसे मिले। कुमारस्वामी, कर्नाटक के सीएम, कमलनाथ, मध्य प्रदेश के सीएम – ये सभी कह रहे हैं कि वे एक नागरिक कानून को आपराधिक कानून नहीं बनने देंगे। जब पति-पत्नी एक साथ रहने वाले हों, तो उन्हें साथ रहने दें। पति को तीन साल के लिए जेल क्यों भेजा जाए? यह कहना बहुत आसान है कि पति परिवार का समर्थन करेगा। वह दुबई नहीं, बल्कि जेल जा रहा होगा।”
गौरतलब है कि मौजूदा विधेयक 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था। जबकि पूर्व विधेयक लोकसभा में पारित किया गया था तो एक अध्यादेश जारी किया गया था जिसमे तीन तलाक को दंडनीय अपराध घोषित किया गया था और तीन तलाक देने वाले को तीन वर्ष कारावास की सजा का प्रावधान था। राज्यसभा में इस अध्यादेश को विरोध का सामना करना पड़ा था।