बिहार एनडीए में फूट से महागठबंधन में उत्साह का संचार हो गया है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के महागठबंधन में शामिल हो जाने के बाद अब महागठबंधन में शामिल पार्टियों की निगाह एनडीए के एक अन्य सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी पर टिक गई गई।
रालोसपा महागठबंधन में शामिल
दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) में शामिल हो गए। इस अवसर पर लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव, हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव और कई कांग्रेस नेता मौजूद थे।
तेजस्वी यादव ने इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यूपीए में शामिल दल मिल कर भाजपा को ऐसी हार देंगे जो किसी ने नहीं सोचा होगा।
तेजस्वी ने लोजपा पर डाले डोरे
जब तेजस्वी यादव से लोक जनशक्ति पार्टी और भाजपा के बीच तनाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भाजपा से परेशान सभी लोगों और पार्टियों का महागठबंधन में स्वागत है। उन्होंने कहा “रालोसपा के महागठबंधन में शामिल होने का फैसला कुशवाहा का था, किसी ने उनपर दवाब नहीं डाला। ठीक उसी तरह ये लोजपा के ऊपर है कि वो महागठबंधन में शामिल होना चाहते हैं या नहीं। वो जब भी आना चाहेंगे उनका स्वागत है।”
एनडीए में खलबली
सीट बंटवारे को लेकर लोजपा और भाजपा में तनाव का वातावरण है। दो दिन पहले लोजपा नेता चिराग पासवान ने ट्वीट कर कहा था कि एनडीए नाजुक मोड़ से गुजर रहा है। उनके इस ट्वीट के बाद बिहार के सियासत में हलचल मच गई थी और अटकलें लगाईं जा रही थी कि लोजपा से एनडीए से अलग होना चाहती है।
लोजपा की नाराजगी के बाद कल दिल्ली में अमित शाह के आवास पर चिराग पासवान और रामविलास पासवान की भापा अध्यक्ष के साथ मुलकात हुई। मुलाकात करीब एक घंटे तक चली और 2019 लोकसाह चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर चर्च हुई। शुक्रवार को जेडीयू नेताओं को भी दिल्ली बुलाया गया है। उम्मीद है कि शुक्रवार को एनडीए में सीट बंटवारे पर फैसला हो जाएगा।
भाजपा और लोजपा के बीच विवाद का कारण
दरअसल जब जेडीयू दोबारा एनडीए में वापस आई तो सभी एनडीए में सभी पार्टियों को ये सन्देश समझ आ गया था कि जेडीयू के लिए जगह बनाने हेतु उन्हें अपने हिस्से की सीटों में कटौती करनी पड़ेगी। रालोसपा इसके लिए तैयार नहीं थी और लोजपा चाहती थी कि अगर उसके हिस्से लोकसभा की कम सीत्न आ रही हैं तो उसे एक सीट राज्यसभा के लिए चाहिए। दरअसल लोजपा अपने अध्यक्ष राम विलास पासवान को राज्यसभा भेजना चाहती है लेकिन बिना भाजपा के सहयोग के पासवान का राज्यसभा जाना संभव नहीं है।
हालिया विधानसभा चुनावों में भाजपा के हाथ से तीन राज्य निकल जाने के बाद लोजपा ने भाजपा पर दवाब बना दिया।दरअसल भारतीय राजनीति में पासवान मौसम वैज्ञानिक के तौर पर मशहूर हैं। कहा जाता है कि वो हर बार हवा का रुख पहले ही भांप जाते हैं और फिर गठबंधन में जाने का फैसला करते हैं।
एनडीए का समीकरण
एनडीए सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा बिहार में लोजपा के हिस्से की सीटें बढाने को राजी हो गई है। भाजपा और जेडीयू के बीच पहले ही बराबर-बराबर सीटों पर लड़ने का समझौता हो चूका है। 2014 में लोजपा 6 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और रालोसपा 3 सीटों पर। उम्मीद है कि रालोसपा के हिस्से की सीटें भाजपा, जेडीयू और लोजपा में बंट जायेंगी।
शुक्रवार को जेडीयू नेता भी दिल्ली पहुँच रहे हैं और अमित शाह के आवास पर बिहार एनडीए के नेताओं की मीटिंग के बाद सीटों की घोषणा हो जाने की उम्मीद है।