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    ajay maken

    नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार अजय माकन,जो एक ही सीट से लगातार चौथी बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। उन्होंने ने दो बार यह 2004 में भाजपा के जगमोहन और 2009 में विजय गोयल को हराकर जीती हैं। वह 2014 में भाजपा की उम्मीदवार मीनाषी लेखी से हार गए थे।

    55 वर्षीय माकन का दावा हैं कि उनके अनुभव से उन्हें भाजपा की मीनाषी लेखी और आम आदमी पार्टी के बृजेश गोयल पर बढ़त मिलेगी। एक स्पष्ट साक्षात्कार में माकन ने कहा, आम आदमी पार्टी के गठबंधन के बिना दिल्ली में सभी सातों सीटे जीतना कठिन होगा।

    उनसे पूछा गया कि अगर नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से तीन मुख्य मुद्दे चुने जाए तो वह कौन से होंगे, इस पर माकन ने कहा,” सीलिंग को रूकना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। सीलिंग तब भी हुई थी जब 2006 में मैं केंद्रीय शहरी विकास मंत्री था। उस समय, मैंने दिल्ली के लिए मास्टर प्लान में 170 से अधिक संशोधन करके और 3000 से अधिक सड़कों को अधिसूचित करके एक ही महीने के भीतर इसे रोक दिया था।

    अगला कदम सरकारी कर्मचारियों के मुद्दों को हल करना होगा, जिसमें सातें वेतन आयोग की विसंगतियों को संबोधित करना शामिल हैं। तीसरा मलिन बस्तियों की बेहतरी होगी। मैं इन-सीटू स्लम पूनर्वास परियोजना को फिर से शुरू करूंगा। हमने दिल्ली विकास प्राधिकरण के माध्यम से कठपुतली कॉलोनी पुनर्वास परियोजना शुरू की थी, जिसे बाद में कुछ विवादों के कारण बंद करना पड़ा।

    लेकिन राजनीतिक स्थिति पर विचार करना अब काफी अलग हैं, क्या सीलिंग को रोकना उताना ही सरल होगा? इस पर उन्होंने कहा,- आपको ऐसा क्यों लगता हैं कि अगर में सांसद बन गया तो क्या मैं मंत्री नही बन सकता? अन्यथा एक सांसद भी सरकार का एक महत्वपूर्ण अंग होता हैं भले ही वह विपक्ष में ही क्यों न हो। मैं आप या भाजपा के सांसदों की तरह नही हूं, जो एक दूसरे पर इल्जाम लगाते रहते हैं। मुझे विश्वास हैं यदि मैं किसी समस्या के समाधान के लिए किसी मंत्री या अधिकारी के पास जाता हूं तो वह इस पर कार्यवाई करेंगे। यदि वे ऐसा नही करते हैं तो वह संसद में मेरा सामना करेंगे। मैं उन लोगों में से नही हूं जो संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठते हैं। मैं काम करने वाला आदमी हूं और मुझे पता हैं कि काम कैसे करते हैं।

    आप कांग्रेस-आप के गठबंधन के पूर्ण समर्थन में थे। अब जब यह त्रिकोणीय मुकाबला हैं तो क्या आपको लगता हैं कि यह लड़ाई कांग्रेस के लिए कठिन हो गई हैं?

    माकन ने कहा,” अगर गठबंधन होता तो हम दिल्ली की सभी सातों सीट पर 2-3 लाख के मार्जिन से जीत सकते थे। अब, हम सभी सात सीटें जीतेंगे मगर मार्जिन छोटा होगा। जब मैंने राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखा, तो किसी ने मुझे भाजपा के तीन बार सांसद रहे जगमोहन के खिलाफ लड़ने का मौका नही दिया। लेकिन, मैंने 2004 में उनकों 12,000 वोटों से हरा दिया था। 2009 में, मैंने भाजपा के विजय गोयल को 2 लाख वोटों से हराया था। इसलिए, अतित में भी मैंने इस क्षण को देखा हैं और मुझे विश्वास हैं बेरोजगारी, सीलिंग, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के साथ अन्याय और मलिन बस्तियों के लोग बुद्धिमानी से वोट देंगे।

    “क्या आपको लगता हैं कि भाजपा विरोधी वोट बंट जाएंगे”, इस पर माकन का जवाब था, “भाजपा विरोधी वोटों का विभाजन नही होने जा रहा हैं। लोग कांग्रेस को वोट देने जा रहे हैं क्योंकि हमारे उम्मीदवारों के पास बड़ा प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव हैं। हममें से कई के पास बेदाग ट्रैक रिकॉर्ड हैं।

    आप आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के बारे में क्या जानते हैं? क्या यह सभी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं?

    उन्होंने कहा,”लोगों का आप के उम्मीदवारों में बहुत ज्यादा विश्वास नही हैं। लेकिन, मुझे कहना होगा कि उनमें से कुछ ने अपनी पहचान बनाई हैं।”

    उनसे पूछा गया कि आप के हिसाब से कौन सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी हैं- आप या भाजपा?

    इस पर माकन ने कहा,”यह राष्ट्रीय चुनाव हैं। इसलिए, कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय पार्टी जो भाजपा हैं उससे सीधी लड़ाई में हैं।”

    दिल्ली के पूर्ण राज्य के दर्जे पर कांग्रेस का क्या रुख हैं, इस पर माकन ने कहा,”पूर्ण राज्य के बारे में हमारा घोषणापत्र स्पष्ट हैं। हमने स्पष्ट रूप से कहा हैं तीन चीजें छोड़कर- भूमि, कानून और व्यवस्था और पुलिस- दिल्ली सरकार के पास पूरी प्रशासनिक शक्तियां होनी चाहिए और राज्यपाल को मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर काम करना चाहिए।

     

     

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