बंगलुरू शहर के करीब आधे से ज्यादा लोगों ने गुरुवार को हुए लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदान नहीं किया। भारत के टेक हब के मतदाताओं की उपस्थित कर्नाटक चुनाव में बहुत कम रही।
शुक्रवार को एक चुनाव अधिकारी ने आईएएनएस से बताया कि संसदीय और विधानसभा चुनाव में शहर के 3 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों और 28 विधानसभा क्षेत्रों के मतदान प्रतिशत में कुछ खास फर्क नहीं दिखा।
कर्नाटक के 28 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के दक्षिण और कें द्रीय क्षेत्र के करीब 14 सीटों पर गुरुवार को मतदान हुआ था।
शहरों में औसत मतदाताओं की उपस्थिति 53.87 प्रतिशत, बेंगलुरू उत्तर में 54.63 प्रतिशत, बेंगलुरू केंद्र में 53.53 प्रतिशत और बेंगलुरू दक्षिण में उपस्थिति 53.47 प्रतिशत दर्ज किए गए।
अधिकारी ने बताया, “इसके विपरीत ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान करने वालों का प्रतिशत दर 64.07 रहा, जबकि ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र शहर के केंद्र से करीब 40-50 किमी दूर है।
दिलचस्प बात तो यह है कि 12 मई 2018 को हुए विधानसभा चुनाव में शहर के 3 निर्वाचन क्षेत्रों के अंतगर्त आने वाले 28 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान के दौरान भी शहरी मतदाताओं की उदासीनता इसी तरह देखी गई थी।
अधिकारियों के अनुसार, “तब विधानसभा चुनाव में बेंगलुरू शहर में औसत मतदाताओं की उपस्थिति 54.72 प्रतिशत थी, जबकि बेंगलुरू के ग्रामीण में यह प्रतिशत दर 84.03 था।
वहीं 2014 के आम चुनाव में बेंगलुरू की औसत उपस्थिति 55.97 प्रतिशत, बेंगलुरू उत्तर में 56.53 प्रतिशत, बेंगलुरू केंद्र में 55.64 प्रतिशत और बेंगलुरू दक्षिण में 55.75 प्रतिशत थी।
यह दुर्भाग्य की बात है कि बेंगलुरू के 72.69 मतदाताओं में से आधा से ज्यादा पंजीकृत मतदाताओं को लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वोट देने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
कांग्रेस अधिकारी के. ई. राधाकृष्णन ने आईएएनएस को बताया कि, “पोल पैनल द्वारा अपने मतदान अधिकार को लेकर शिक्षित, प्रचारित व जागरूक करने के बावजूद लोगों की इतनी कम उपस्थिति क्यों रही, हमें इसके पीछे की वजहों के बारे में पता लगाना चाहिए।”
2019 के आम चुनाव की अंतिम चुनावी सूची के अनुसार, शहर और राज्य मिलाकर बेंगलुरू उत्तर में सबसे अधिक पंजीकृत मतदाता 28,48,402 हैं। जबकि बेंगलुरू केंद्र में 22,04,853 मतदाता, और बेंगलुरू दक्षिण में 22,15,533 मतदाता हैं।