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    21 वर्षीय तेजस्वी, भारतीय मॉडल सुमन राव, जिन्होंने इस साल मिस वर्ल्ड एशिया 2019 का खिताब अपने नाम किया, उनका कहना है कि उन्होंने खुद के लिए खड़ा होना सिखने के बाद लैंगिक समानता पर बोलना शुरू किया।

    मिस इंडिया 2019 का खिताब जीतने वाली सुमन का जन्म उदयपुर के पास औदना गांव में हुआ है, और उनके जन्म के बाद ही उनका परिवार मुंबई आ गया। उनकी परियोजना प्रगति, गांव की महिलाओं को हथकरघा, सजावटी हस्तशिल्प सामान और आभूषण बनाने के लिए प्रशिक्षित करती है।

    एक साक्षात्कार में सुमन ने आईएएनएस से कहा, “मुझे याद है कि एक बार मुझसे कहा गया था कि ‘जब तक आप इसका सामना नहीं कर लेते हैं, जब तक आप सामाजिक समस्या का परिणाम नहीं भुगत लेते हैं, तब तक आप उसके समाधान के लिए काम करना शुरू नहीं करते हैं’। मेरे साथ भी यही बात थी, जब मुझे महसूस हुआ कि महिलाएं अपनी आवाज बुलंद नहीं कर पा रही हैं और सिर्फ अपने परिवार के निदेशरें का पालन कर रही हैं। तभी मैंने बदलाव लाने के बारे में सोचा। मैं अपने लिए खड़ी हुई, और यह मेरे उद्देश्य की ओर मेरा पहला कदम था।”

    सुमन की परियोजना को राजकुमारी दीया कुमारी फाउंडेशन से भी समर्थन मिला।

    इस बारे में सुमन ने कहा, “मैंने सोचा कि क्यों न मैं स्वतंत्रता का प्रसार पूरी दुनिया में करूं? मैंने महसूस किया कि किसी चीज की शुरुआत करनी चाहिए। इन मामलों में ग्रामिण महिलाएं ज्यादा कुछ नहीं कह पाती हैं, क्योंकि वे आर्थिक तौर पर स्वतंत्र महसूस नहीं कर पाती हैं। प्रगति परियोजना के तहत मेरी गांव की महिलाएं हस्तशिल्प और अन्य खूबसूरत चीजें बनाती हैं, और उसे बेच कर आमदनी करती हैं। इस माध्यम से वे खुद के लिए कुछ प्राप्त कर पाती हैं।”

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