इजराइल की सेना ने कहा कि लेबनान के चरमपंथी समूह हिज़बुल्ला के सीमा पार से विफल टनल हमले का खुलासा करने के लिए उन्होंने एक अभियान की शुरुआत की है। सेना के प्रवक्ता जोनाथन कोनरिक्स ने कहा कि इजराइल की सेना वाकिफ है कि उत्तरी लेबनान से इजराइल से कितने टनल गुजरे थे।
उन्होंने कहा कि इजराइल की सेना इस अभियान को इजराइल में ही मुक्कमल करेगी, सीमा पार नहीं करेगी। सेना ने कहा कि वह अपनी उपस्थिति बढ़ाने और कई परिदृश्यों के लिए तैयार है।
सीमा के नजदीक कई सीमाओं को बंद कर दिया है। सेना ने कहा कि सीमा पार से हमले के बाबत इजराइल की रक्षा बल ने सबूत खोज लिए हैं। उन्होंने कहा कि हमले से पूर्व टनल को अभियान का हिस्सा बनाया गया था जो इजराइल की जनता की सुरक्षा पर खतरा था। उन्होंने कहा की यह इजराइल की संप्रभुता का उल्लंघन है।
2003 में इराक़ में अमेरीका की अगुवाई वाले दख़ल की उन्होंने कड़ी आलोचना की। सीरिया की तरफसे इराक़ के विद्रोही गुटों को समर्थन भी दिया गया, जिससे अमेरीका ख़ासा नाराज़ हुआ। साल 2005 में लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री रफीक हरीरी की हत्या के बाद अमरीका और सीरिया के संबंध और ख़राब हो गए। इस हत्या का शक़ राष्ट्रपति असद, उनके करीबी शिया बहुल ‘इनर सर्कल’ और सीरियाई सुरक्षा सेवाओं पर ज़ाहिर किया गया।
असद सरकार को रूस, अपने पारंपरिक सहयोगी ईरान और ईरान के समर्थन वाले लेबनानी चरमपंथी गुट हिज़बुल्ला से मज़बूत कूटनीतिक और सैन्य सहयोग मिलता रहा है।