एक समय था जब पंजाब के लेग स्पिनर राहुल शर्मा भारतीय टीम की नीली जर्सी में दिख रहे थे। वो जर्सी उनके मेहनत का नतीजा थी। राहुल उस समय अपने पीक पर थे लेकिन जिंदगी ने ऐसी बाजी पलटी की राहुल अब जाना-पहचाना नाम नहीं रह गए हैं। दुनिया की चकाचौंध से दूर राहुल का ध्यान हालांकि अब अपने सपने को फिर से जीने पर है। वह कहते हैं कि, “मैं वापसी करूंगा और दम से करूंगा।”
2015 में राहुल आखिरी बार इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेल रहे थे लेकिन पीठ की चोट के कारण वह आईपीएल से असमय हट गए। इसी चोट की वजह से राहुल आज क्रिकेट जगत में गुमनामी का नाम बन चुके हैं।
तब से राहुल गुमनामी में ही हैं। आलम यह है कि भारत में आस्ट्रेलिया के उच्चायोग में प्रोटीन पाउडर-मुसासी के लांच के मौके पर आए राहुल बाकी खिलाड़ियों जैसी लाइमलाइट नहीं पा रहे थे। भारत में क्रिकेटर जहां होता है, वहां शायद ही कोई और खिलाड़ी उससे ज्यादा लाइमलाइट में रहता है लेकिन यहां मामला उलटा था।
राहुल ने जीवन के इस फेज के बारे में आईएएनएस से कहा, “ईमानदारी से कहूं तो खिलाड़ी का जीवन ही ऐसा होता है। उतार-चढ़ाव भरा। मैं जब आईपीएल में चेन्नई के लिए चुना गया था तो मैं अच्छी गेंदबाजी नहीं कर रहा था और उसका कारण चोट थी। चोट के बाद मशल्स में दिक्कत थी। हालांकि मैं बीच आईपीएल से घर चला गया था। धोनी भाई ने बोला की अगर ठीक नहीं हो तो घर जा सकते हो। उसके बाद से मैं चोट से परेशान रहा।”
लंबी कद काठी के इस खिलाड़ी ने कहा, “मेरा रिदम फंस गया था। बेशक वो दौर मेरे लिए तनावपूर्ण था, लेकिन मैं भगवान में विश्वास करने वाला इंसान हूं। इसलिए मुझे भरोसा था कि मैं वापस आ जाऊंगा।”
राहुल कहते हैं कि वह अब वापसी की राह पर हैं और कभी भी पंजाब की टीम में आ सकते हैं। बकौल राहुल, “चोट के कारण मेरे दो-तीन साल खराब चले गए। लेकिन इस बार मैं पंजाब की रणजी ट्रॉफी टीम के संभावित खिलाड़ियों में हूं। मैंने अपने आप को साबित किया है, तभी मैं स्टैंड बाई में आया हूं। मैं बेंगलुरू में राघुराम भट्ट से ट्रेनिंग ले रहा हूं। उनसे मैं अपनी गेंदबाजी के बारे में बात करता रहता हूं। मैं संभावित खिलाड़ियों की सूची में हूं कभी भी टीम में आ सकता हूं। मैं बैक टू ट्रैक हूं।”
राहुल हालांकि पंजाब के कैम्प का लगातार हिस्सा रहे हैं, इसलिए वो जानते हैं कि पंजाब में भी आने के लिए उन्हें और अच्छा करना होगा क्योंकि टीम में कुछ और अच्छे स्पिनर हैं।
उन्होंने कहा, “क्रिकेट काफी तेज हो गई है। हमारी पंजाब टीम में कुछ अच्छे स्पिनर हैं जो अच्छा कर रहे हैं इसलिए मुझे जगह नहीं मिली। मैं इस बात का सम्मान करता हूं। मुझे इंतजार करना होगा। लेकिन मैं तैयार हूं।”
दिसंबर-2011 में भारत के लिए पहला वनडे खेलने वाले राहुल कहते हैं कि चोट के बाद से उन्हें एक तरीके से शून्य से शुरुआत की और एक नया क्रिकेटर अपने करियर में जिस शुरुआती दौर से गुजरता है उसी से वो अपने जीवन में दोबारा गुजरे हैं।
भारत के लिए चार वनडे और दो टी-20 मैच खेलने वाले राहुल ने कहा, “हां, मेरे लिए यह दोबारा उसी दौर से गुजरना है, जहां से एक नया क्रिकेटर गुजरता है। जो समय मैंने देखा है, वो मैंने देखा। मेरे परिवार को पता है। मैं बस दिख नहीं रहा, लेकिन मैं मेहनत कर रहा हूं और ठोक के (जोरदार) वापसी करूंगा।”
राहुल की चोट काफी गंभीर थी। वह इस कदर परेशान थे कि उन्हें चलते-चलते पीठ में झटका लगता था इसलिए वह अपना रन-अप, लय सब खो चुके थे। मैदान पर पसीना बहा उन्होंने इन सब से पार पाई है। राहुल ने बताया कि वह खुशी और गम में एक जैसे रहने वाले इंसान थे लेकिन बीते तीन-चार साल ने उन्हें तोड़ दिया था जिससे वो अब वापसी कर चुके हैं।
इस दौरान उन्हें परिवार का भी समर्थन मिला और पूर्व खिलाड़ियों का भी। राहुल कहते हैं, “मेरा परिवार मेरे साथ था। पंजाब टीम का प्रबंधन में भी मुझे प्रेरित करता रहता है, खासकर भज्जी भाई (हरभजन सिंह), वह हमेशा कहते हैं कि मेहनत कर, तूने पहले किया है और अब भी करेगा।”
चोट से पहले भी राहुल मैदान के बाहर विवादों में रहे थे। 2013 में आईपीएल में वह रेव पार्टी में पकड़े गए थे, लेकिन इससे वे वापसी करने में सफल रहे थे।
उस विवाद पर राहुल कहते हैं कि, “किसी को उसके बारे में कुछ अच्छे से पता नहीं है, उसकी रिपोर्ट मेरे पास है जिसमें ‘पैसिव स्मोकिंग’ की बात कही थी। पैसिव स्मोकिंग तो वैसे भी आप किसी सिगरेट पीने वाले शख्स के पास खड़े को उसमें हो जाएगी। मैंने कभी भी ड्रग्स वगैरहा नहीं लिया। मैंने कभी कुछ नशा नहीं किया, जो लोग मुझे जानते हैं वो इस बात को जानते हैं।”
इस विवाद के बाद भी राहुल ने वापसी की थी और इंडिया-ए के लिए खेले थे। आईपीएल में वह 2014 में दिल्ली डेयरडेविल्स का भी हिस्सा थे।