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    हफ्तार की सेना

    लीबिया में एलएनए जनरल कमांड प्रेस सर्विस डायरेक्टर खलीफा ओबेदी ने सोमवार को कहा कि “खलीफा हफ्तार की सेना ने त्रिपोली के एयरपोर्ट पर हमला से बचाव का प्रयास किया था जिसमे करीब जीएनए के 15 सैनिको की मौत हो गयी है।”

    हवाई अड्डे पर हमला

    उन्होंने कहा कि “जीएनए के समूह ने त्रिपोली के हवाई अड्डे पर हमला किया था और इसकी  जवाबी कार्रवाई ने एलएनए ने जीएनए के समूह के 15 चरमपंथियों को मौत के घाट उतार दिया है।” लीबिया में साल 2011 में तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी की मौत  के बाद देश दो भागो में विभाजित हो गया था।

    एलएनए समर्थित संसद का पूर्वी लीबिया पर नियन्त्र है जबकि यूएन द्वारा समर्थित जीएनए का त्रिपोली से समूचे पश्चिमी क्षेत्र पर नियंत्रण है। त्रिपोली को अपने अधिकार में लेने के लिए अप्रैल में हफ्तार की सेना ने राजधानी में धावा बोल दिया था। इस संघर्ष की शुरुआत के बाद देश से 90000 से अधिक लोगो का विस्थापन हुआ है और 450 से अधिक लोगो ने अपनी जान गंवाई है।

    शांतिपूर्ण समाधान निकालने का सुझाव

    अधिकतर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकालने का आग्रह किया है। यूएन के महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक़ ने बताया कि “सिर्फ इस हफ्ते में 8000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं और उनमे से आधों की बच्चे होने की सम्भावना है। त्रिपोली व उसके आस-पास क्षेत्रों में 47000 से अधिक लोगो को मदद की जरुरत है।”

    विश्व स्वास्थ्य संघठन की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 390 से अधिक लोगो की मौत हो गयी है और 1900 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं। त्रिपोली में 12 अप्रैल को संघर्ष की शुरुआत हुई थी।

    4 अप्रैल को लीबिया के दक्षिण में चार अलग आईएस के हमले हुए थे और इसमें 17 लोगो की मृत्यु हुई थी और 10 अन्य जख्मी हुए थे और आठ लोगो का अपहरण किया गया था। लीबिया की सेना ने आतंकी समूहों के खिलाफ पूर्व में अपने देश की हिम्मत से रक्षा की है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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