लीबिया में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता सरकार के सैनिको ने राजधानी त्रिपोली में अपनी स्थिति को मज़बूत कर लिया है। वह सैन्य कमांडर खलीफा हफ्तार की सेना के साथ संघर्ष कर रहे हैं। 4 अप्रैल को हफ्तार की सेना ने राजधानी की तरफ कूच किया था।
लीबिया की राजधानी में सैन्य कमांडर खलीफा हफ्तार की सेना और यूएन समर्थित सरकार के बीच संघर्ष का दौर जारी है। भारत ने राजधानी से अपने शान्ति स्थापित करने वाले सैनिको को हटा दिया था जो सीआरपीएफ के 15 जवान थे। इसके बाद नेपाल और अमेरिका ने भी अपने सैनिको को बाहर निकाल लिया था।
भारत के विभागों ने त्रिपोली में भारतीय नागरिकों को तत्काल राजधानी छोड़ने के लिए कहा है क्योंकि वहां के हालात काफी बिगड़ते जा रहे हैं। 200 से अधिक लोगो की इस संघर्ष में मौत हुई है और 913 लोग बुरी तरह जख्मी है। संयुक्त राष्ट्र मान्यता प्राप्त गवर्मेंट ऑफ़ नेशनल एकॉर्ड के नियंत्रण में अभी त्रिपोली है
बीते दो हफ्तों में हफ्तार की सेना ने मैदान हारा है और जीएनए की सरकार ने उन्हें खदेड़ दिया है। हारने के बाद हफ्तार की सेना ने हवाई हमले तेज़ कर दिए हैं। हालात अभी भी तनावपूर्ण है विशेषकर उन नागरिकों को लिए जो इन क्षेत्रों के नजदीक संघर्ष इलाकों में रहते हैं।
इस संघर्ष में 278 लोगो की जान गयी है जबकि 1300 से अधिक लोग बुरी तरह जख्मी हुए हैं। इन हालातों ने त्रिपोली के आस-पास के क्षेत्र से 41000 लोगो को भागने के लिए मज़बूर किया है, लेकिन कई लोग फंस चुके हैं और उन्हें मानवीय सहायता की जरुरत है।
3500 प्रवासियों और शरणार्थियों को आक्रमक क्षेत्र के नजदीक नज़रबंद शिविरों में रखा गया है जो खतरे में हैं।