संयुक्त राष्ट्र की विश्व स्वास्थ्य संघठन ने शुक्रवार को कहा कि “पिछले महीने खलीफा हफ्तार की सेना के राजधानी पर आक्रमण के बाद करीब 392 लोगो की मौत हो गयी थी और 1936 लोग जख्मी है। 50000 से अधिक लोगो को विस्थापित होने के लिए मज़बूर होना पड़ा है।”
शुक्रवार को ट्वीटर के जरिये ओसीएचए ने कहा कि “हम विस्थापन के आंकड़ों से चिंतित है।” हफ्तार की लिबयन नेशनल आर्मी ने 4 अप्रैल को राजधानी की तरफ कूच किया था। अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त जीएनए सरकार की वफादार सेना ने आक्रमक हमला किया है।
जीएनए के शिक्षा मंत्री और सरकारी संकट समिति के प्रमुख ओथमान अब्देल जलील ने गुरूवार को कहा कि “55000 लोग और करीब 11000 परिवार विस्थापित हुए हैं। 40 रिसेप्शन सेंटर और 27 स्कूलों ने जरुरतमंदो की मदद के लिए अपने दरवाजे खोले हैं।
भागे हुए अधिकतर नागरिक या तो शरणार्थी है या बगैर विभागों में पंजीकरण के लोगो के यहां रिश्तेदार या दोस्त हैं। खलीफा और लीबिया की सरकार के बीच संघर्ष का दौर बढ़ता जा रहा है। लीबिया के प्रधानमंत्री फ़ाएज़ अल सेरराज ने गुरूवार को कहा कि “जब तक खलीफा सरकार वापस अपनी जगह पर नहीं लौट जाती किसी संघर्षविराम का ऐलान नहीं किया जायेगा।”
लीबिया से विस्थापितों को शरण देने के लिए सबसे पहले इटली ने कदम उठाये हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग ने बताया की 146 शरणार्थियों को लीबिया से इटली के लिए रवाना कर दिया गया है। बीते दो हफ्तों में हफ्तार की सेना ने मैदान हारा है और जीएनए की सरकार ने उन्हें खदेड़ दिया है। हारने के बाद हफ्तार की सेना ने हवाई हमले तेज़ कर दिए हैं।