अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने मिस्र के समकक्ष अब्देल-फतह अल-सीसी के साथ लीबिया विवाद को लेकर फोन पर चर्चा की। बातचीत के दौरान उन्होंने संघर्ष के ‘विदेशी शोषण’ को खारिज कर दिया। व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने गुरुवार को जारी बयान के हवाले से कहा, “नेताओं ने लीबिया के संदर्भ में विदेशी शोषण की बात को खारिज करते हुए इस बात पर सहमति जताई कि इससे पहले कि लीबिया का विदेशी सक्रियकों पर पर से नियंत्रण खत्म हो जाए, पार्टियों को चाहिए कि वह संघर्ष को हल करने के लिए जरूरी कदम उठाए।”
इससे पहले, गुरुवार को तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कहा कि अंकारा संसद के फिर से शुरू होते ही संयुक्त राष्ट्र समर्थित लीबिया सरकार का समर्थन करने के लिए सैनिकों को भेजने के लिए एक विधेयक पेश करेगा। इस तैनाती को देश के निमंत्रण के जवाब के तौर पर देखा जाएगा।
लीबिया के संयुक्त राष्ट्र समर्थित सरकार के आंतरिक मंत्री फथी बाशागा ने गुरुवार को ही खुलासा किया कि लीबिया सरकार का समर्थन करने के लिए एक तुर्की-ट्यूनीशियाई-अल्जीरियाई गठबंधन बनाया गया है।
बाशागा ने कहा, “तुर्की, ट्यूनीशिया और अल्जीरिया के साथ एक महान सहयोग होगा और यह एक गठबंधन होगा।”