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    संयुक्त राष्ट्र

    लीबिया में सैन्य संघर्ष के कारण अप्रैल से 90000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। विद्रोही नेता खलीफा हफ्तार की सेना और संयुक्त राष्ट्र समर्थित सरकार के बीच हिंसक संघर्ष के कारण लीबिया की आवाम को विस्थापन के लिए मज़बूर होना पड़ रहा है।

    यूएन के महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक़ ने बताया कि “सिर्फ इस हफ्ते में 8000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं और उनमे से आधों की बच्चे होने की सम्भावना है। सहायता कर्मचारी आंतरिक विस्थापित लोगो और हिंसक गतिविधियों से प्रभावित लोगो को मदद मुहैया कर रहे हैं। त्रिपोली व उसके आस-पास क्षेत्रों में 47000 से अधिक लोगो को मदद की जरुरत है।”

    विश्व स्वास्थ्य संघठन की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 390 से अधिक लोगो की मौत हो गयी है और 1900 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं। त्रिपोली में 12 अप्रैल को संघर्ष की शुरुआत हुई थी। एलएनए समर्थित सरकार का पूर्वी लीबिया पर नियंत्रण है जबकि यूएन समर्थित गोवेर्मेंट ऑफ़ नेशनल एकॉर्ड का त्रिपोली से लेकर पश्चिमी लीबिया तक नियंत्रण है।

    शुरुआत में अमेरिका की सरकार का यूएन समर्थित सरकार को समर्थन था जिसके प्रधानमंत्री फ़ाएज़ अल सेरराज थे। अमेरिका के कूटनीतिज्ञों और अधिकारीयों का रुसी समर्थित खलीफा हफ्तार से भी संपर्क है। अधिकतर वैश्विक समुदाय ने इस तीव्र हिंसा का शांतिपूर्व समाधान निकालने की मांग की थी।

    मानवीय कारकर्ताओं के मुताबिक 10000 से अधिक पुरुष, बच्चे और महिलाएं फ्रंट लाइन क्षेत्र में तत्काल फंसे हुए हैं और 400000 से अधिक क्षेत्र सीधे तौर पर संघर्ष से प्रभावित हैं। हालिया संघर्ष की शुरुआत से 460 लोगो की मौत हुई है और उसमे 29 नागरिक थे और 2400 से अधिक अधिकतर नागरिक बुरी तरह घायल थे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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