Sun. Nov 24th, 2024
    यूएन के अध्यक्ष एंटोनियो गुएतरेस

    लीबिया में सोमवार को यूएन समर्थित सरकार के मुखिया फ़ैज़ सर्राज ने सैनिको को राजधानी में आक्रमक कार्रवाई के आदेश दिए थे। यूएन के प्रवक्ता स्टेफेन दुजरिक ने पत्रकारों से कहा कि “हवाई हमलो और तोपों के अधिक इस्तेमाल से संघर्ष काफी बढ़ गया है।”

    खलीफा हफ्तार के नेतृत्व में लिबयान नेशनल आर्मी मुल्क के अधिकतर पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्र पर कब्ज़ा किये हुए हैं और अब वह राजधानी को अपने नियंत्रण में लेना चाहती है। यह सरकार समर्थक सैनिकों के प्रतिरोध का सामना कर रहे हैं।  बीते सप्ताह एन्टोनियो गेट्रेस ने लीबिया की तीन दिवसीय यात्रा की थी।

    उन्होंने यूएन के मिशन यूएनएसएमआईएल का समर्थन किया था और साथ ही वर्षो से जारी अस्थिरता को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री सर्राज से मुलाकात की थी। शुक्रवार को बैगाजही में कमांडर हफ्तार के साथ मुलाकात को भावुक मन और चिंताओं के साथ छोड़ दी थी।

    उन्होंने कहा कि “अभी भी रुकने के लिए वक्त है, अभी भी युद्धविराम का संकेत हैं। दुश्मनी को छोड़ने के लिए और त्रिपोली में रक्तपात जंग से बचने के लिए अभी भी कार्य किया जा सकता है। अभी भी वक्त शेष है, इसका हल किसी सैन्य संधान से नहीं निकलेगा। लीबिया में केवल राजनीतिक समाधान ही शान्ति की स्थापना कर सकता है। अगले सप्ताहांत में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन दोबारा से बहाल हो सकता है। इससे पूर्व उन्होंने लीबिया के प्रतिनिधि और यूएनएसएमआईएल के प्रमुख घसान सलामे से तनाव को कम करने के लिए मुलाकात की थी।”

    यूएन अध्यक्ष ने कहा कि “मैं लीबिया में मौजूद विशेष प्रतिनिधि के साहसपूर्वक कार्यो की  तारीफ़ करता हूँ। मैं अपनी तरफ से उनके प्रयासो का समर्थन करने के लिए भरसक कोशिश करूँगा। मैं शरणार्थियों और आप्रवासियों के लिए भी चिंतित हूँ, जो बेहद भयावह स्थिति में हैं। मैं यूएन शरणार्थी एजेंसी की सराहना करना चाहूंगा जिन्होंने राजधानी के निकट नजरबन्द शिविरों को खाली हासिल।”

    उन्होंने कहा कि “यहां न सिर्फ लीबिया के नागरिकों के लिए बल्कि प्रवासियों, शरणार्थियों व अन्य विदेशियों की इस शहर में हालत चिंताजनक है। हमें इस संघर्ष को रोकने की जरुरत है।” इस माहौल में सुरक्षा के बाबत उन्होंने कहा कि “इस मामले में मेरा विचार एकदम स्पष्ट है और हमें इसके लिए एक गंभीर वार्ता बहाल करनी चाहिए। लेकिन बिना रक्तपात को रोके यह संभव नहीं है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *