संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने बुधवार को लीबिया की राजधानी त्रिपोली के तजौरा में घातक हवाई हमले पर चिंता व्यक्त की है। इस हवाई हमले में करीब 40 लोगो की मौत हो गयी थी और 80 लोग जख्मी हुए थे। यूएनएचसीआर ने ट्वीटर पर लिखा कि “लीबिया की राजधानी में प्रवासियों के केंद्र पर हवाई हमले से यूएनएचसीआर कागि चिंतित है। शर्णार्थिओं और प्रवासियों की मौत से चिंतित है। कभी भी नागरिकों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।”
लीबिया में हमले पर यूएन ने जताई चिंता
इस दिन की शुरुआत में कीब्या के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हवाई हमले में करीब 40 लोगो की मौत हो गयी है और 80 लोग बुरी तरह घायल है। मृतकों के आंकड़े में इजाफा होने की सम्भावना है। मंगलवार को खलीफा हफ्तार की वफादार सेना ने त्रिपोली पर नया हवाई हमला किया था। लिबयन नेशनल आर्मी के प्रवक्ता वायुसेना कमांडर मोहमद मनफोर ने सोमवार को निवासियों से संघर्ष क्षेत्र से दूर रहने की अपील की थी।
लीबिया अस्थिर राजनीतिक और आर्थिक हालातों से जूझ रहा है। लीबिया के तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी की मौत के बाद लीबिया दो भागो में विभाजित हो गया था। अप्रैल में हफ्तार की सेना ने राजधानी त्रिपोली पर सेना को कूच करने के आदेश दिए थे।
एलएनए का लीबिया के पूर्वी भाग पर नियंत्रण है जबकि जीएनए का त्रिपोली से लेकर पूरे पश्चिमी लीबिया पर नियंत्रण है। इसके बाद दोनों पक्षों की सेनाओं के बीच संघर्ष की शुरुआत हुई थी।
इस संघर्ष में 90000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं और 650 लोगो ने अपनी जान गंवाई है। इस तीव्र संघर्ष के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने शांतिपूर्ण समाधान की मांग की है। अफ्रीकी राष्ट्रों ने भी दोनों पक्षों से संयमता बरतने की मांग की थी।
इस संघर्ष ने 75000 लोगो को पाने घर को छोड़ने के लिए मज़बूर कर दिया था और हज़ारो प्रवासी बंदी शिविरों में फंसे हुए हैं। इसके कारण स्कूल बंद हो गए हैं, परिवार बिछड़ गए हैं और बिजली काट दी गयी है।