Wed. Dec 25th, 2024
    लीबिया में बाढ़

    संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी विभाग ने शुक्रवार को बयान ने जारी किया कि “भारी बारिश के कारण आयी बाढ़ से चार लोगो की मौत हो गयी है और 2500 लोगो को मज़बूरी में घर छोड़ना पड़ा था।” 28 मई को बारिश की शुरुआत हुई थी और इसके कारण 30 लोग जख्मी भी हुए थे।

    इसके आलावा भारी नुकसान हुआ था और काफी इमारतों को क्षति पहुंची थी, टेलीकम्यूनिकेशन नेटवर्क बंद हो चुका है। इस क्षेत्र में फार्म्स और घरो को काफी क्षति पंहुची हुई है। यह क्षेत्र काफी हद तक कृषि पर निर्भर है। इसके आलावा आगामी दिनों में बारिश की सम्भावना है।

    यूएन एजेंसी के मुताबिक, सभी 20000 घाट निवासियों को भी मानवीय सहायता की जरुरत है। शिविर, भोजन और आधारभूत उत्पादों की तत्काल जरुरत है। देश में मानवीय हालात काफी बिगड़ते जा रहे हैं। खलीफा हफ्तार की लिबयन नेशनल आर्मी और यूएन समर्थित सरकार गवर्मेंट ऑफ़ नेशनल एकॉर्ड की सेनाओं के बीच संघर्ष जारी है।

    अप्रैल में खलीफा हफ्तार की सेना ने त्रिपोली में आक्रमण किया था और जीएनए के क्षेत्र में यह हमला था। संघर्ष की शुरुआत से 90000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। इसमें 500 से अधिक लोगो ने अपनी जिंदगियां गंवाई है।

    लीबिया के तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी की मौत के बाद लीबिया दो भागो में विभाजित हो गया था। एलएनए का लीबिया के पूर्वी भागो पर नियंत्रण है जबकि यूएन समर्थित सरकार का त्रिपोली से लेकर पश्चिमी क्षेत्र पर नियंत्रण है।

    इस संघर्ष ने 75000 लोगो को पाने घर को छोड़ने के लिए मज़बूर कर दिया था और हज़ारो प्रवासी बंदी शिविरों में फंसे हुए हैं। इसके कारण स्कूल बंद हो गए हैं, परिवार बिछड़ गए हैं और बिजली काट दी गयी है।

    पूर्व में तुर्की का यह उपनिवेशवाद साल 2011 से अराजकता का सामना कर रहा है जब नाटो के सहयोगियों ने साल 2011 में मरहूम मुअम्मर गद्दाफी को अपदस्थ कर दिया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *