लीबिया की राजधानी के निवासियों और अधिकारीयों ने बताया कि बंदूकधारियों ने त्रिपोली की पानी सप्लाई करने वाली मुख्य पाइपलाइन को काट दिया है। हफ्तों से संघर्ष कर रहे निवासी बेहद बुरी स्थित में आ खड़े हुए हैं। प्रोजेक्ट प्रशासक ने कहा कि “हथियारबंद लोगो ने रविवार को सुबह ग्रेट मैन मेड रिवर प्रोजेक्ट पर धावा बोला था। यह एक पाइप नेटवर्क है जो सहारा से देश में पश्चिमी क्षेत्र में अंडरग्राउंड जल सप्लाई करता है।”
बयान में कहा कि “हथियारबंद व्यक्तियों ने सुविधा बोला और कर्मचारियों को जबरन पानी के निर्यात के सभी वाल्व को बंद करने के लिए कहा और इसके बाद सभी जगहों पर पानी सप्लाई होना बंद हो गया था।” इस पाइपलाइन पर हमले से शहर के 25 लाख लोगो को दो दिनों तक पानी की कमी से जूझना होगा।
सरकारी विभाग ने कहा कि “एक बार जब हमलावरों की मांगो का पता चल जायेगा पानी की सप्लाई को बहाल कर दिया जायेगा।” त्रिपोली में मीडिया ने राजधानी और उसके नजदीकी जिलों में पानी की रोक की पुष्टि की है। त्रिपोली में लोग अपनी जरूरतों की पूर्ती के लिए निजी जल डिलीवरी पर निर्भर होना पड़ रहा है।”
त्रिपोली की सरकार ने उसी समूह पर पानी रोकने का इल्जाम लगाया है जिसने साल 2017 में भी यह हरकत की थी और इस समूह का कमांडर खलीफा एहनेश है जो हफ्तार की सेना से जुड़ा हुआ है। एलएनए ने इस आरोप को खारिज किया है।
लीबिया में यूएन मानवीय समन्वयक मारिया रिबेइरो ने सोमबार को बयान में पानी रोकने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि “नागरिक ढांचों के खिलाफ ऐसे हमलो को युद्ध अपराध में माना जाता है।
1/2 .@UN Humanitarian Coordinator for #Libya Maria Ribeiro strongly condemns the blockage of the Great Man-Made River, cutting off #water supply for hundreds of thousands of Libyans. Full Statement: https://t.co/xeCYQqNJMn pic.twitter.com/hZ7dXgodF4
— UNSMIL (@UNSMILibya) May 20, 2019
त्रिपोली में संघर्ष की शुरुआत बीते माह हुई थी और इसमें 510 लोगो की मृत्यु हुई है और 2500 से अधिक लोग बुरी तरह जख्मी हुए हैं। इसके आलावा 75000 लोग अपने घर छोड़कर भागने के लिए मज़बूर हुए थे। हज़ारो प्रवासी केंद्गृहों में फंस गए हैं।
इस संघर्ष ने स्कूलों को बंद रखने के लिए मज़बूर किया है, परिवारों को अलग दिशाओं में बांटने का काम किया है और इसके कारण बिजली की कटौती हो रही है। देश में अराजकता का माहौल साल 2011 से जारी है जब तानाशाह गद्दाफी की हत्या की गयी थी।