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    नाटो के सदस्य

    नाटो के महासचिव ने लीबिया के सभी पक्षों से संघर्ष को रोकने और राजनीतिक वार्ता पर वापस लौटने की मांग की है ताकि देश में जारी संकट का समाधान किया जा सके। लीबिया में यूएन के राजदूत ग़स्सान सलामे के साथ बातचीत में जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने लीबिया में मौजूदा हालातो के बाबत चर्चा की थी।

    जनहानि में इजाफा हो रहा है

    उन्होंने कहा कि “लीबिया में हथियार संघर्ष से लीबिया में घायल लोगो की जनसँख्या में बढ़ती जा रही है और मौजूदा संकट से निपटने के लिए सैन्य संघर्ष कोई समाधान नहीं है। उन्होंने लीबिया के हालात के प्रति चिंता व्यक्त की है और सभी पक्षों से वार्ता बहाल करने की मांग की है।”

    उन्होंने संकेत दिया कि “लीबिया में नाटो सुरक्षा संस्थानो की स्थापना का सहयोग करने के लिए तत्पर है और यह हम लीबिया की सरकार के आग्रह पर कर सकते हैं।” 4 अप्रैल को विद्रोही खलीफा हफ्तार ने राजधानी त्रिपोली पर हमले के के आदेश दिए थे। इसके बाद हफ्तार की सेना ने चार प्रमुख शहरो में प्रवेश कर लिया था और लीबिया की राजधानी की घेराबंदी कर दी थी।

    हफ्तार के आक्रमण से बिगड़े हालात

    हफ्तार की सैनिको ने त्रिपोली के दक्षिणी इलाके में कई हमले किये थे और इसके साथ ही राजधानी में स्थित सरकारी मुख्यालय पर भी बमबारी की थी। साल 2011 से लीबिया वैधता और सत्ता के बीच संघर्ष कर रहा है और मौजूदा वक्त में अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त जीएनए और हफ्तार के सेना के बीच लीबिया जूझ रहा है।

    संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने शुक्रवार को लीबिया में सभी पक्षों को राजनीतिक वार्ता करने के लिए आगाह किया है और कहा कि राजधानी में एक माह के संघर्षविराम का कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहा है। ब्रिटेन ने बीते माह यूएन सुरक्षा परिषद् में संघर्षविराम पर मसौदा प्रस्ताव रखने की मांग की थी हालाँकि परिषद् में इस प्रस्ताव को लेकर दो राय कायम है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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