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    लीबिया में संघर्ष

    लीबिया की पूर्वी स्थित सेना और संयुक्त राष्ट्र समर्थित सरकार की सेना के बीच लीबिया में जारी संघर्ष में मृतकों की संख्या का आंकड़ा 147 तक पंहुच गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह आंकड़े जारी किये हैं। डब्ल्यूएचओ ने ट्वीट कर कहा कि “इस माह त्रिपोली को कब्जे में लेने के लिए खलीफा हफ्तार द्वारा शुरू किये गए आक्रमक कार्रवाई में 614 अन्य लोग जख्मी हो गए हैं।”

    भारी बमबारी के कारण स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए हालात बेहद बिगड़ते जा रहे हैं, जो लगातार चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि “संघठन अस्पतालों को हर इमरजेंसी उत्पादों को मुहैया कर रहा है। साथ ही चेतावनी दी कि एम्बुलेंस और अस्पतालों की टीम का कार्य निरंतर गोलंदाजी और सैन्य संघर्ष से बाधित हो रहा है। इसमें भारी जनसँख्या वाले क्षेत्र भी शामिल है।”

    तीन स्वास्थ्य कर्मचारी सहित दो डॉक्टर की हत्या कर दी गयी है। हिंसा की शुरुआत से दो अन्य एम्बुलेंस पर संघर्ष के दौरान हमले की पुष्टि डब्ल्यूएचओ ने की है और अब यह आंकड़ा बढ़कर आठ हो गया है। संघठन ने स्वास्थ्य कर्मचारियों के वाहनों पर हमले की सख्ती से निंदा की है।

    4 अप्रैल को खलीफा हफ्तार की लिबयन नेशनल आर्मी ने राजधानी त्रिपोली पर कब्ज़ा करने के लिए सैन्य कार्रवाई की शुरुआत की थी, जहां अमेरिकी समर्थित सरकार का नियंत्रण है। संयुक्त राष्ट्र की सरकार के प्रधानमंत्री फ़ाएज़ अल सेरराज ने त्रिपोली का बचाव करने का संकल्प लिया था।

    बीते हफ्ते मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फ़तेह एल सीसी ने हफ्तार से मुलाकात की थी ताकि अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाकर इस अभियान को खत्म किया जा सके। मानवीय मामलो के यूएन दफ्तर ने कहा कि “संघर्ष के कारब 13500 लोगो से अधिक विस्थापित हुए हैं जबकि 900 निवासी शिविरों में रहने को मज़बूर है।

    लीबिया में साल 2011 में ताकतवर शासक मुहम्मद गद्दाफी को सत्ता से हटाने के लिए यूएन की नाटो सेना ने दखलंदाज़ी की थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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