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    लीबिया

    लीबिया के त्रिपोली में संघर्ष के बढ़ने के बाद 121 लोगो की मृत्यु हो गयी है और करीब 561 लोग बुरी तरह जख्मी हुए हैं। अप्रैल की शुरुआत में लीबिया की राजधानी में खलीफा हफ्तार ने आक्रमक कार्रवाई शुरू की थी। विश्व स्वास्थ्य संघठन ने रविवार को यह सूचना जारी की थी।

    डब्ल्यूएचओ लीबिया के ट्वीटर अकाउंट के मुताबिक, संघठन त्रिपोली में अधिक स्टाफ को मेडिकल सुविधाओं को भेज रहा है। साथ ही 4 अप्रैल को शुरू हुई लड़ाई में बार-बार स्वास्थ्य कर्मचारियों और वाहनों पर हमले की निंदा की है। हफ्तार की सेना का लीबिया के पूर्वी हिस्से पर नियंत्रण है। उन्होंने संघर्ष रोकने की अंतर्राष्ट्रीय मांग को ठुकरा दिया है।

    यूएन समर्थित गवर्मेंट ऑफ़ नेशनल एकॉर्ड का त्रिपोली में नियंत्रण है। जीएनए के सैनिकों ने हफ्तार के लड़ाकों के साथ काफी संघर्ष किया था। मानवीय मामलो के यूएन दफ्तर ने कहा कि “संघर्ष के कारब 13500 लोगो से अधिक विस्थापित हुए हैं जबकि 900 निवासी शिविरों में रहने को मज़बूर है।

    ओसीएचए ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि “तीन स्वास्थ्य अधिकारियों को मार दिया गया है और पांच एम्बुलेंस को धमाके से खराब कर दिया गया है।” जमीन पर युद्ध के आलावा दोनों पक्ष रोजाना हवाई हमले कर रहे हैं और नागरिको को निशाना बनाने के लिए एक-दूसरे पर इल्जाम लगा रहे हैं।

    लीबिया में साल 2011 में ताकतवर शासक मुहम्मद गद्दाफी को सत्ता से हटाने के लिए यूएन की नाटो सेना ने दखलंदाज़ी की थी। साल 2014 में त्रिपोली में संघर्ष की शुरुआत के बाद पश्चिमी देशों ने लीबिया छोड़ दिया था। साल 2016 में लौटने से पूर्व दूतावासों को बंद कर दिया था और नाटो प्रशिक्षण कार्यक्रम का अंत कर दिया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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