इटली के प्रधानमंत्री ने कहा कि लीबिया में विदेशी सैन्य दखलंदाज़ी मौजूदा संघर्ष का समाधान नही कर सकती है। यह भूमध्य सागर के करीब शरणार्थी संकट को बढ़ा सकती है।
पूर्वी लीबिया की सेना का नेतृत्व खलीफा हफ्तार कर रहा है जो राजधानी त्रिपोली को कब्जे में लेने के लिए आक्रमक रणनीति अपना रहा है। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त प्रधानमंत्री फैज़ अल सेराज की वफादार सेना विद्रोहियों के बखूबी प्रतिकार कर रही है।
रायटर्स के मुताबिक इटली के प्रधानमंत्री गिउसेप कांटे ने कहा कि सैन्य विकल्प कोई समाधान नही हो सकता है। सभी पक्षो की उपस्थिति में बातचीत का आयोजन होना चाहिए ताकि संघर्ष को रोक जा सके। इससे करीब 4500 निवासी अपने घरों से भाग गए हैं।
इटली लीबिया के प्रधानमंत्री का समर्थन करता है और उत्तरी अफ्रीकी राष्ट्र में तेल क्षेत्र का एक बहुत बड़ा खिलाड़ी है। उन्होंने कहा कि सैन्य दखलंदाज़ी लीबिया के नागरिकों को दक्षिणी यूरोप को तरफ भागने पर मजबूर कर देगी।
सब सहारा देशो के शरणार्थियों के लिए लीबिया अधिकतर इस्तेमाल किया जाता है। इटली के पीएम ने कहा कि मौजूदा समय मे लीबिया पर मानवीय संकट का एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
लीबिया में साल 2011 में ताकतवर शासक मुहम्मद गद्दाफी को सत्ता से हटाने के लिए यूएन की नाटो सेना ने दखलंदाज़ी की थी। मौजूदा इटली की सरकार इसका निरंतर विरोध करती रही हैं। उनके मुताबिक यह देश मे अराजकता और असुरक्षा के भाव को बढ़ा देगा और शांति लाने में कोई भूमिका अदा नही करेगी।