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    Meiraba

    नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)| अंडर-19 वर्ग में लगातार चार राष्ट्रीय खिताब जीतने वाले युवा बैडमिंटन खिलाड़ी मेइसनाम मेइराबा अपने आदर्श चीन के महान खिलाड़ी लिन डैन के नक्शे-कदम पर चलना चाहते हैं।

    17 साल के मेइराबा ने हाल ही में ऑल इंडिया जूनियर रैंकिंग बैडमिंटन टूर्नामेंट में लड़कों के अंडर-19 वर्ग में चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया है। उन्होंने फाइनल में शंकर मुथुसामी को 21-14, 21-10 से हराकर खिताब जीता।

    मेइराबा अब इस शानदार सफलता के बाद उच्च स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए दो बार के ओलंपिक चैंपियन और पांच बार विश्व चैम्पियन तथा छह बार के ऑल इंग्लैंड चैम्पियन चीन के लिन डैन के नक्शे-कदमों पर चलना चाहते हैं, जिन्हें वह अपना आदर्श मानते हैं।

    मेइराबा ने आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में कहा, “मैं शुरू से ही डैन को फॉलो करता आ रहा हूं। उनके खेलने के तरीकों को देखता आ रहा हूं। वह कई बार विश्व चैंपियन रह चुके हैं क्योंकि उनके खेल का तरीका ही अलग है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए आपको चैंपियनों के नक्शे कदम पर चलना होगा और उनसे सीखने की कोशिश करनी होगी।”

    मणिपुर के रहने वाले मेइसनाम का लड़कों के वर्ग में यह लगातार चौथा खिताब है। उन्होंने इससे पहले चेन्नई, विजयवाड़ा और बेंगलुरू में यह खिताब जीता था। उनका अब अगला लक्ष्य जूनियर एशियाई चैंपियनशिप में अपने इसी प्रदर्शन को दोहराना है।

    अगले महीने होने वाली एशियाई जूनियर चैंपियनशिप के लिए टीम चयन के समय पिछले दो टूर्नामेंटों के प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाएगा। उन्होंने कहा, “इस साल का अब तक का मेरा प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है और अब मैं जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में अपने इस प्रदर्शन को दोहराना चाहता हूं। अब मेरा अगला लक्ष्य वहां भी खिताब जीतना है।”

    एशियाई जूनियर चैंपियनशिप का आयोजन अगले महीने 24 से 28 जुलाई तक चीन में होगा। इसके मिश्रित मुकाबले 20 से 23 जुलाई तक खेले जाएंगे।

    मेइराबा ने एशियाई जूनियर चैंपियनशिप को लेकर कहा, “वहां पर आपको एशिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ खेलना है। इस चीज को ध्यान में रखते हुए मैंने अभी से ही अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दी है। मुझे खुशी है कि इतने कम उम्र में मुझे कई टूर्नामेंटों में खेलने का मौका मिला है। इन टूर्नामेंटों में खेलने से मुझे अनुभव भी मिला है और ये अनुभव ही मेरे खेल को आगे और बेहतर बनाएंगे।”

    युवा बैडमिंटन खिलाड़ी ने साथ ही कहा, “किसी भी प्रतियोगिता में खेलते समय मैं मेरा दिमाग में इस चीज पर कभी नहीं रहता है कि ये खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ है, या फिर इनको हरा पाना मुश्किल है। मैच के दौरान मैं सिर्फ अपने प्रदर्शन को देखता हूं और यह भी देखता हूं कि मुझे कैसे और बेहतर करना है।”

    मेइराबा ने कहा कि उनके राज्य में भी यह खेल काफी प्रसिद्ध हो रहा है और युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

    मेइराबा ने कहा, “पूर्वोत्तर में खेलों का काफी विकास हुआ है, खासकर मुक्केबाजी और बैडमिंटन जैसे खेलों का। पहले लोग इसे एक आंनद (फन) के रूप में लेते थे। अब वे इसे काफी गंभीरता से लेने लगे हैं। ऐसा इसलिए संभव हो पाया है कि क्योंकि इन क्षेत्रों से भी अब विभिन्न खेलों में चैंपियन निकलकर सामने आ रहे हैं।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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