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    पाकिस्तान के लाहौर हाईकोर्ट (एलएचसी) ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उसके भाई शहबाज शरीफ को नवाज के इलाज के लिए विदेश जाने के बारे में लिखित वचन देने का आदेश दिया है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबरों के अनुसार, कोर्ट ने पीएमएल-एन अध्यक्ष शहबाज शरीफ द्वारा दाखिल याचिका पर शनिवार को फिर सुनवाई शुरू की थी।

    जिसमें उन्होंने अपने बीमार भाई को इलाज के लिए विदेश ले जाने के संबंध में इमरान खान सरकार द्वारा 7 अरब पाकिस्तानी रुपये के बांड भरने का विरोध किया था। पाकिस्तान सरकार ने शर्त रखी थी कि बांड जमा करवाने के बाद ही पूर्व प्रधानमंत्री का नाम नो-फ्लाई लिस्ट से हटाया जाएगा।

    अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल (एएजी) चौधरी इश्तियाक ए. खान ने कहा, “सरकार को कोई समस्या नहीं है, अगर नवाज शरीफ इलाज के लिए विदेश जाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें पहले अदालत को संतुष्ट करना होगा।”

    उन्होंने कहा, “नवाज शरीफ के पास कोर्ट के खाते में हर्जाना या बांड भरने का विकल्प है। अगर वह यह सब कर देते हैं कि तो हमें उनके देश छोड़ने पर कोई समस्या नहीं है।”

    इलाज के बाद नवाज शरीफ के वापस आने की गारंटी देते हुए पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज ने अदालत से कहा, “मैं उनके साथ जा रहा हूं। नवाज इलाज के बाद देश वापस आ जाएंगे।”

    इस पर अदालत ने कहा, “हम नवाज और शहबाज से लिखित वचन ले सकते हैं। केंद्र सरकार भी इसे देख सकती है। यह वचन अदालत में दिया जाएगा। अगर वचन नहीं निभाया गया तो यह अदालत की अवमानना होगी।”

    गृहमंत्री ने बुधवार को कहा था कि नवाज शरीफ को इलाज कराने के लिए चार सप्ताह के लिए विदेश जाने की एकबार अनुमति दी जा सकती है, लेकिन उन्हें हर्जाना बांड भरना होगा।

    इसके बाद पीएमएल-एन ने इस निर्णय का विरोध करते हुए शुक्रवार को इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

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