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    बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी

    लालू यादव और उनके परिवार का नाम भ्रष्टाचार से अक्सर जुड़ ही जाता है। वैसे तो भारत में प्राय सभी नेताओं पर कोई ना कोई भ्रष्टाचार के आरोप लगे हुए है लेकिन लालू का परिवार शायद ऐसा राजनीतिक परिवार है जिसके हर सदस्य पर एक से बढ़कर एक घपलों और घोटालों का आरोप है।

    किसी समय समूचे हिन्दुस्तान की सत्ता के केंद्र रहे लालू, अब किंग मेकर नहीं कहलाते है। आज लालू खुद को तथा खुद के साथ अपने पुरे परिवार को कानूनी शिकंजे से बचाने के प्रयास में जूझ रहे है। अभी तो लालू बेटे को ही कानूनी और राजनीतिक फंदे से बचा रहे थे लेकिन अब मामला उनके धर्म पत्नी तक भी पहुँच गया है।

    दरअसल राबड़ी को आईआरसीटीसी घोटाले में आज पटना बुलाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम अपने पटना कार्यालय में राबड़ी से तहकीकात कर रही है। राबड़ी का साथ देने के लिए मीसा भारती और भोला यादव भी ईडी दफ्तर पहुंचे हैं। राबड़ी के लिए आज का दिन संकट भरा हो सकता है। प्रवर्तन निदेशालय की आठ सदस्यों की टीम उनसे एक अलग कमरे में पूछताछ कर रही है।

    अगर आज के दिन राबड़ी पर से संकट टल भी गया तो भी लालू परिवार की मुश्किलें कम नहीं होंगी क्यूंकि इस मामले में जल्द ही सीबीआई राबड़ी को पूछताछ के लिए बुलाने वाली है। अपने दबंग स्टाइल के लिए मशहूर लालू यादव कार्यकर्ताओं और जनता में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए बाहर से निश्चंत दिखने का प्रयास कर रहे है।

    राबड़ी घोटाले पर जब लालू से जवाब माँगा गया तो उन्होने कहा कि “जब हमारी धर्म पत्नी ने कोई गलती ही नहीं किया है तो हम क्यों डरे, वैसे भी ईडी का काम है पूछताछ करना”, लालू ने मीडिया से यह भी कहा कि “हमने तो पहले ही कह दिया था कि जो पूछताछ करनी है यहीं आकर करे। राबड़ी दिल्ली नहीं आने वाली है”

    वैसे यह बात भी गौर करने वाली है कि राबड़ी से पूछताछ के लिए ईडी को खुद पटना आना पड़ा। इससे पहले ईडी ने राबड़ी को इस मामले में सात बार नोटिस जारी किया था।

    क्या है राबड़ी-आईआरसीटीसी मामला

    यह मामला 2006 का है, और इसमें लालू का लगभग पूरा परिवार दोषी है। इस मामले में रांची और पुरी में भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) के दो होटलों के आवंटन अनुबंध में बहुत सारी गड़बड़िया पाई गयी है। लालू यादव पर घपलों और घोटालों का इल्जाम v विपक्ष के लिए फायदेमंद है।

    खुद नितीश कुमार भी लालू की इस हालत पर जमके चुटकी ले रहे है। गौरतलब है कि नितीश ने एक ट्वीट में कहा था कि “भ्रष्टाचार शिष्टाचार है। उसके खिलाफ कार्रवाई अनाचार है”

    नितीश के हमले का तेजस्वी ने जवाब कुछ इस तरह शायराना अंदाज में दिया कि “मुख्यमंत्री घोटालों पर अपना मुँह क्यों नहीं खोलते? छुपो न छुपो न.. !ना..ना..ना ऐसे ना छुपो..ना चुपो! जनता जवाब माँग रही है महोदय?”