चारा घोटाले मामले में सजा काट रहे आरजेडी सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव ने बिहार की जनता से कहा कि उन्हे आरक्षण विरोधी और संविधन विरोधी नरेंद्र मोदी को हटाने की लड़ाई में करो या मरो की भावना की जरूरत हैं।
राज्य के लोगों को एक खुले पत्र में, जिसे पटना में उनकी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी जमानत के लिए उनकी याचिका खारिज करने के बाद जारी किया गया था, लालू ने कहा , इस बार के चुनावों में सब कुछ दावं पर हैं, देश, समाज अन्य शब्दों में, जिन्होंने आपको अपने प्रमुखों के साथ बराबरी करने के लिए आगे बढ़ने की आकांक्षा दी और आपका आधिकार, स्वाभिमान और गरिमा सभी दावं पर हैं।
अकेले रांची के अस्पताल में बैठे, उन्होंने कहा क्या मुझे इस तरह से कैद करने से विघटनकारी ताकतें फिर से बिहार में किसी साजिश को विफल करने में सफल होंगी।
उन्होंने कहा, मैं अपने विचारों में कैद नही हूं, वह अपने विचारों को साझा कर रहे थे क्योकि ऐसा करने से हम इन विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ सकते हैं।
लालू ने कहा, लोग मीडिया की खबरों से जनते हैं कि कैसे मोदी ने आपका आरक्षण खत्म करने की कोशिश की। कैसे हमारे दलित भाई के बेटे रोहित वेमुला को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया गया। कैसे दलितों के उत्पीड़न को प्रोत्साहित किया और कैसे अत्याचारों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति पर कानून को कमजोर करने का प्रयास किया गया।
उन्होंने कहा, पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के एसटी एससी एक्ट को कमजोर करने के बाद हुए देशव्यापी आंदलनों का जिक्र करते हुए कहा, क्या आपने दलित बहुजन मित्रों को सड़क पर उतार के नही मारा, पूरी तरह एकजुट होकर और आवाज उठाई और रोते हुए मोदी सरकार से आपके आरक्षण और अधिकार को समाप्त करने संकल्प लिया।
लालू ने कहा कि, अगर ये दलित विरोधी बहुजन फिर से जोड़-तोड़ करके सत्ता में आए तो देश में आपकी स्थिति क्या होगी। वह आपकी पहचान को 30-35 साल पुरानी स्थिति में धकेलना चाहेंगे।
लालू ने कहा कि जब आप अपनी आबादी के आधार पर पटना और दिल्ली और देश के संसाधनों में से हिस्सेदारी की मांग करते हो तो यह लोग परेशान हो जाते हैं।
महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का जिक्र करके लालू ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील की जिन्हे टिकट नही मिला, कि वह एकजुट होकर और बाकी सब भूलकर दलित बहु समाज और संविधान रक्षा करे।