Sun. Nov 17th, 2024
    लालू अपने दोनों बेटों के साथ

    बिहार पुलिस पर सत्ता का डर किस कदर हावी है यह बात कल देखने को मिली। खादी के आगे खाकी बेबस और लाचार नजर आई। बिहार बंद के दौरान खाकीधारियों ने खादीधारियों की जमकर जी हुजूरी की। पुलिस थाने के अंदर जिस तरह का नजारा देखने को मिला उस से एक बात स्पष्ट हो गयी कि बिहार में पुलिस और प्रशासन पर अभी भी लालू का डर कायम है।

    दरअसल कल बिहार बंद के दौरान लालू के दोनों बेटे खुद सड़क पर उतर गए। कहीं कहीं पर विरोध ने हिंसक रूप लेना शुरू कर दिया। आगजनी और तोड़फोड़ की खबरे भी कहीं कहीं से आती रही। मामले को हाथ से निकलते हुए देख पुलिस ने लालू के दोनों बेटों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन यह सब मात्र दिखावा भर ही था।

    पुलिस थाने में तेजप्रताप का दबदबा
    पुलिस थाने में तेजप्रताप का दबदबा

    पुलिस ने जिस तरह से उनके बेटों को गिरफ्तार किया उस से लगा यह सब सुनियोजित था। लालू के दोनों ही बेटों पर इस गिरफ्तारी का कोई डर नहीं दिख रहा था। आगे क्या होने वाला था शायद यह बात भी दोनों को पता थी। आम जनता से सीधे मुँह बात तक ना करने वाली पुलिस लालू के दोनों बेटों के थाने पहुँचते ही खिदमत में जुट गई।

    तेजप्रताप को दरोगा जी ने खुद अपने हाथों से चाय और समोसा परोसा। तेजप्रताप भी विशेष मेहमान की भांति चाय की चुस्की लेते हुए दिखे। सत्ता में चाय का वैसे भी महत्व है। लालू के बेटे तेजप्रताप ने बीजेपी को यह दिखा दिया कि पुलिस थाने में भी चाय पर उनकी पकड़ किसी अन्य पार्टी से ज्यादा तेज है। तेजस्वी यादव को थाने के भीतर मिठाई परोसा गया।

     

    लालू के दोनों बेटों का पुलिस ने किया मेहमान नवाजी
    लालू के दोनों बेटों का पुलिस ने किया मेहमान नवाजी

    पुलिस वालों के आग्रह करने के बाद भी तेजस्वी ने मिठाई ने नहीं खायी। खाते भी कैसे, वैसे भी पुलिस और कानून की हर बात राजनेता अगर मानने लग जाए तो वो राजनेता थोड़ी ही कहलाएंगे। लालू के बेटों के साथ जिस तरह का व्यवहार पुलिस थाने में किया जाता रहा उससे यह साफ़ हो गया कि बिहार में लालू राज भले ना रहा हो लेकिन लालू का जलवा अभी भी कायम है। तब और अब में कुछ खास बदला नहीं है।