चुनावी रणनीतिकार बने राजनेता प्रशांत किशोर राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव को मीडिया को यह बताने की चुनौती दी कि उन दोनो के बीच में क्या बात हुई थी। इससे एक दिन पहले ही बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा था कि प्रशांत किशोर ने जेडीयू और राजद के गठबंधन के प्रस्ताव के साथ उनके पति लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की थी।
राबड़ी ने कहा प्रशांत ने 2017 में अलग हुई लालू की राजद और नीतीश कुमार की जेडीयू का फिर से विलय हो जाए और इस प्रकार नए दल को चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषीत कर देना चाहिए। उन्होंने कहा अगर प्रशांत किशोर लालू से इस प्रस्ताव को लेकर हुई मुलाकात इंकार करते हैं तो वह झूठ बोल रहे हैं।
राबडी ने कहा हमारे सभी कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी इस बात के गवाह हैं कि उन्होंने हमसे कम से कम पांच बार मुलाकात की इसमें से अधिकांश तो दस सर्कुलर रोड पर हुई और एक दो बार पांच नम्बर वाले आवास पर हुई।
प्रशांत किशोर ने ट्वीट के द्वारा राबड़ी के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी, पद के दुरुपयोग और धन के दुरुपयोग के आरोपों में दोषी पाए जाने वाले लोग सच्चाई के संरक्षक होने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा लालू जब चाहे मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाए। सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या क्या बाते हुई और किसने किसको क्या ऑफर दिया।
इसके बाद पार्टी द्वारा ट्वीट का जवाब में कहा गया कि पांडेजी हमारे अध्यक्ष का राजनीतिक अनुभव आप के उम्र से कही अधिक हैं। तुम्हारी तरह और बहुत से राजनेता हैं जो आए और गए। आपको मोदी और नीतीश के गठजोड़ की ओर जाना चाहिए अपनी कहानियां बेचने के लिए। अगर सच सामने आया तो यह तुम्हारी छवि को खराब कर देगी।
बिहार में, 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद जेडीयू, राजद और कांग्रेस ने गठबंधन किया था। लेकिन 2017 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गठबंधन से निकल कर भाजपा में शामिल हो गए थे।