बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी अध्यक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 10 अप्रैल को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 9 अप्रैल तक सीबीआई को कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा हैं। 20 फरवरी को लालू यादव ने झारखण्ड उच्च न्यायाल में 10 जनवरी के कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी, जिसमे करोड़ों के चारा घोटले से सम्बधित तीन मामलों में उनकी जमानत खारिज कर दी गई थी।
उनके वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में चिकित्सा आधार पर जमानत मांगी हैं और को से जल्द सुनवाई करने की अनुरोध भी किया हैं। आरजेडी अध्यक्ष को झारखण्ड के रांची सेंट्रल जेल बिरसा मुंडा में रखा हैं। जनवरी में उनकी बेल की अर्जी को खारीज कर दिया गया था। सिब्बल ने लालू यादव की खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए यह याचिका दायर की थी। देवघर और चाईबासा कोषागार मामले में उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
आईपीसी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत सीबीआई की विशेष अदालत के दोषी ठहराए जाने के बाद लालू प्रसाद यादव दिंसबर 2017 से रांची जेल में बंद है। रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में उनका इलाज चल रहा हैं। 14 साल की अनिश्चत कारावास में विभिन्न मामलों में उनपर लगभग 60 लाख का जुर्माना लगाया गया हैं।
आरजेडी प्रमुख्य को 900 करोड़ के चारा घोटाले में दोषी पाया गया हैं। जो 1990 में आरजेडी के सत्ता में और मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए देवघर, दुमका और अविभाजित विभिन्न जिलों के उन्होंने दो चाईबासा ट्रेजरी से सम्बधित मामलों में एक पर जमानत मिली और वर्तमान में डोरंड़ा ट्रेजरी में जेल का सामना करना पड़ रहा हैं। जिसमे 1991 और 1994 में करीबन 89 लाख रुपये से अधिक धन धोकाधडी से निकालने का मामला हैं।