बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने यहां शुक्रवार को वैज्ञानिक ज्ञान और तकनीक पर जोर देते हुए कहा कि नए भारत में वैज्ञानिक ज्ञान और तकनीकी योग्यता की महत्ता काफी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि हमारी पुरानी ज्ञान-सम्पदा भी काफी महत्वपूर्ण रही है।
टंडन ने सुभाष इन्स्टीच्यूट ऑफ टेक्न ॉलॉजी, बिहटा के सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चिकित्सा शास्त्र, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, अर्थशास्त्र, गणित, राजनीति एवं नीति शास्त्र आदि समस्त ज्ञान-विज्ञान के विषयों में हमारी प्राचीन विरासत अत्यन्त समृद्घ रही है।
उन्होंने कहा, “बिहार की भूमि पर भी ज्ञान, कला, दर्शन एवं चिन्तन की कई प्रमुख धाराओं का उद्भव हुआ है, जिनकी वजह से पूरे विश्व में प्रदेश एवं राष्ट्र की मर्यादा एवं प्रतिष्ठा बढ़ी है।”
राज्यपाल ने आगे कहा, “आज का युग ऐसा है, जिसमें कौशल उन्नयन के जरिए युवा काफी बेहतर रूप में अपने भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। सिर्फ सरकारों के भरोसे सबकुछ नहीं हो सकता। अपनी हुनरमंदी के बल पर ही युवा अपना एवं अपने राष्ट्र का बहुमुखी विकास कर सकते हैं।”
राज्यपाल ने युवकों को मानव-संपदा के रूप में अपने को विकसित करने की अपील करते हुए कहा कि इससे रोजगार या नौकरी मांगने किसी दूसरे के दरवाजे नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज युवा को रोजगार याचक नहीं, बल्कि रोजगार-प्रदाता के रूप में अपने को राष्ट्र के समक्ष प्रस्तुत करना जरूरी है।
राज्यपाल ने कहा कि तकनीकी विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विकास भी जरूरी है, जो भारत की मूल भावधारा से जुड़ी बात है।