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line configuration in hindi

विषय-सूचि

लाइन कॉन्फ़िगरेशन क्या है? (line configuration in hindi)

एक नेटवर्क दो या दो से अधिक उपकरणों की मदद से लिंक के माध्यम से जुड़ा हुआ होता है।

लिंक डाटा को एक उपकरण से दूसरे उपकरण मे ट्रान्सफर करने के काम में आता है।

उपकरण कोई भी हो सकता है जैसे की कम्प्युटर, प्रिंटर और कोई भी उपकरण जो की डाटा को भेजने और लेने में काम लिया जाता है।

संचार के लिए वह दोनों ही उपकरण एक दूसरे से जुड़े हुए होने चाहिए जिससे की डाटा का आदान प्रदान हो सके। अगर वह जुड़े हुए नहीं होंगे तो ऐसा नहीं हो पाएगा।

लाइन कॉन्फ़िगरेशन के प्रकार (types of line configuration in hindi)

दो कनैक्शन जो की इस प्रक्रिया में काम आते हैं:

  1. पॉइंट टू पॉइंट कनैक्शन (point to point connection in hindi)

  • यह उपकरणों को एक अच्छा और प्रभावी कनैक्शन उपलब्ध करता है।
  • सारी की सारी क्षमता और ऊर्जा यह केवल उन दोनों उपकरणों मे डाटा के आदान प्रदान में लगा देता है।
  • इनमे कनैक्शन के लिए केबल का उपयोग किया जाता है पर इसमे माइक्रोवेव और सटेलाइट को भी जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • पॉइंट टू पॉइंट टोपोलोजी को सबसे आसान और अच्छा नेटवर्क टोपोलोजी का सूत्र माना जाता है।
  • यह कनैक्शन को स्थापित करने में भी काफी सहायक होता है।
  1. मल्टीपॉइंट कनैक्शन (multi-point connection in hindi)

  • इसे हम मल्टीड्रोप कोन्फ़िगरेशन भी बोलते हैं। इस कनैक्शन में दो या दो से अधिक उपकरण एक ही लिंक को इस्तेमाल करते हैं।
  • इसमे एक से ज्यादा उपकरण लिंक को शेयर करते हैं जिसमे की चैनल इस्तेमाल हो सके। इसमे शेयरिंग दो तरह से की जाती है वह हैं – स्पाशियल शेयरिंग और टेम्पोरल शेयरिंग।
  • स्पाशियल शेयेरिंग – यदि काफी सारे उपकरण लिंक को शेयर कर सकते हैं तो इसे हम स्पाशियल शेयरिंग बोलते हैं।
  • टेम्पोरल शेयरिंग – यदि उपयोगकर्ता लिंक को मोड़ कर काम में ले तो उसे हम टेम्पोरल शेयरिंग बोलते हैं।

इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

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