भारत का व्यापारी विजय माल्या भारत के कई बैंकों को चूना लगाकर 9 हज़ार करोड़ की रकम लेकर चंपत है, विदेश मंत्रालय माल्या के प्रत्यार्पण के लिए कई लन्दन देशों से संपर्क साधे हुए हैं। लन्दन के उच्च न्यायलय ने बेकर स्ट्रीट हाउस की बैंक को रकम अदा नहीं की थ। बैंक ने माल्या के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की थी। अदालत ने आदेश दिए कि विजय माल्या को 88 हज़ार यूरो स्विस बैंक के खाते में अदा करने होंगे।
विजय माल्या ने साल 2005 में ग्रेड 1 रीजेंट पार्क के नजदीक संपत्ति खरीदी थी। साल 2012 में विजय माल्या ने बैंक से पांच वर्षों के लिए 20.4 मिलियन यूरों के रकम का उधार लिया था। विजय माल्या ने दावा किया कि बैंक ने समयसीमा से पूर्व ही कर्ज के लिए दबाव बनाना शुरू ककर दिया था और उस संपत्ति पर उनका, उनके बेटे और मां का पेशेवर अधिकार है।
इस सुनवाई का मुख्य ट्रायल मई 2019 में होगा तब तक विजय माल्या के समक्ष सम्पत्ति रहेगी। माल्या के वकील ने उसकी आर्थिक स्थिति को ख़राब बताया है और इस संपत्ति की रकम 30-40 हज़ार यूरो बताई है और कहा कि इसकी अदाएगी के लिए आठ हफ़्तों का समय की जरुरत होगी। न्यायाधीश ने कहा कि यह बेहद गैर वाजिब याचिका है और 88000 यूरों एक पर्याप्त रकम है।
यूबीएस बैंक के वकील ने बताया कि विजय माल्या रकम की अदाएगी बेहद सुस्त तरीके से कर रहे हैं। अदालत ने माल्या को आखिरी तारीख 4, जनवरी तक का समय दिया और इस समयसीमा में पूरी रकम की अदाएगी की बात कही थी। विजय भारत सरकार के 9 हज़ार करोड़ लेकर फरार है। भारत के ब्रिटेन की अदालत में माल्या को भारत सरकार के सुपुर्द करने की याचिका का माल्या ने विरोध किया था। 10 दिसम्बर को माल्या ने भारत के और्थर रोड जेल की दुर्दशा के बारे में लन्दन की अदालत को इतल्लाह किया था।