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    मोदी सरकार

    आपदा पीड़ित राज्यों की मदद के लिए अब सरकार एक फैसला लेने जा रही है। इसके अनुसार सरकार अब देश में इस्तेमाल होने वाली लग्ज़री कारों पर अतिरिक्त कर यानी सेस लगाएगी, जिससे मिले हुए अतिरिक्त धन को वो आपदा पीड़ित राज्यों की मदद में खर्च करेगी।

    28 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद ही ये निर्णय लिया जाएगा कि इस तरह कि योजना को किस तरह आगे लेकर जाया जाए। हालाँकि अभी इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि लगने वाले सेस की दर क्या होगी!

    हालाँकि अभी कारों पर लगने वाली जीएसटी की दर 28 प्रतिशत है। इन पर अभी अधिकतम सेस 25 प्रतिशत की दर से लगाया गया है। जिसके लिए जीएसटी की नियमावली में किसी भी तरह का कोई संसोधन नहीं किया गया है।

    फिलहाल एसयूवी के अतिरिक्त इन कारों पर मुआवजे के रूप में लगने वाले सेस की दर 20 प्रतिशत है। जबकि एसयूवी पर 22 प्रतिशत की दर से सेस लग रहा है।

    भारतीय संविधान के आर्टिकल 279A (4) के अनुसार जीएसटी काउंसिल सरकार को अतिरिक्त कर लगाने का सुझाव दे सकती है।

    हाल ही में आई केरल में बाढ़ आपदा से लोगों को राहत दिलाने के लिए तब समाज के अलग-अलग तबके के लोगों ने सरकार का सहयोग करते हुए अपनी तरफ से केरलवासियों की मदद की थी तथा इस तरह आर्थिक रूप से एक बड़ा हिस्सा केरल को उपलब्ध कराया गया था।

    केरल की बाढ़ में करीब 370 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि 12 लाख नागरिक इससे सीधे तौर पर प्रभावित हुए थे, माना ये जा रहा है कि केरल में आई बाढ़ इस सदी कि सबसे बड़ी आपदाओं में से एक है।

    केरल के वित्त मंत्री ने हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को ये सुझाव दिया था कि केरल में कुछ चुनिन्दा सामानों पर निश्चित काल के लिए कर बढ़ा दिया जाये।

    इसी तरह से संभव है कि अगर कुछ नशीले पदार्थों जैसी तंबाकू-सिगरेट आदि पर अगर अतिरिक्त कर लगाया गया तो इसकी वजह से से ऐसी वस्तुओं कि तस्करी भी बढ़ सकती है।

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