भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अगले सप्ताह राष्ट्रमंडल विदेश मंत्रियों की बैठक में सभी से मुलाकात के लिए लंदन की यात्रा करेंगे। हालाँकि वह अपने पाकिस्तानी समकक्षी शाह महमूद कुरैशी से मुलाकात नहीं करेंगे। भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकी हमले के बाद बातचीत का सिलसिला थम गया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने साप्ताहिक प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों से कहा कि “हमारे विदेश मंत्री लन्दन में राष्ट्रमंडल देशों की विदेश मंत्रियो की बैठक में शरीक होने के लिए जा रहे हैं। इस बैठक में एस जयशंकर अपने पाकिस्तानी समकक्षी से मुलाकात नहीं करेंगे।”
राष्ट्रमंडल विदेश मंत्रियों के समारोह का आयोजन 10 जुलाई को लन्दन में स्थित राष्ट्रमंडल मुख्यालय में होगी जिसकी अध्यक्षता ब्रिटेन करेगा। राष्ट्रमंडल सरकार, अंतरराष्ट्रीय विकास साझेदारो व जमीन से जुड़े संघठनो और नागरिक समाज के साथ मिलकर कार्य करता है ताकि विकसित और विकासशील दोनों देशों आर्थिक वृद्धि और स्थिरता में सहयोग कर सके।
राष्ट्रमंडल के मूल्य अच्छा शासन, मज़बूत लोकतंत्र, कायदे कानून , मानव अधिकारों का संरक्षण और विविधता का सम्मान है। राष्ट्रमंडल देश पूर्व में ब्रिटेन के औपनिवेशिक शासन रहे थे। इस्लामाबाद ने 26 जनवरी को भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाईक्षेत्र को बंद कर दिया था।
पाकिस्तान ने फरवरी में आत्मघाती हमले के बाद अपने हवाईमार्ग को बंद कर दिया था। 14 फरवरी को कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर पाकिस्तान समर्थित जैश ए मोहम्मद ने हमला किया था। इसके प्रतिकार में भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में चरमपंथियों के ठिकानों पर हमला किया था।
21 जून को पाकिस्तान ने भारत के लिए हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया था और कहा कि जब तक भारत सुनिश्चित नहीं करता कि वह बालाकोट जैसी वारदात को दोबारा अंजाम नहीं देगा, भारत के लिए पाकिस्तान अपने हवाईक्षेत्र को बंद रखेगा।