पाकिस्तान समर्थित खालिस्तान की मांग करने वाले कार्यकर्ताओं ने लंदन में स्थित भारतीय उच्चायोग के बाहर शनिवार को मासूम ब्रिटिश भारतीयों का शोषण किया था। यह बीते माह भारतीय वायुसेना द्वारा पाक के बालाकोट में हवाई हमले और समस्त विश्व में पाक विरोधी प्रदर्शन का बदला हो सकता है।
ANI के मुताबिक तुरबंस लिबास पहने हुए हमलावरों ने नाइरा-ए-तक़दीर और अल्लाह-हू-अकबर के साथ भारत विरोधी नारे लगाए थे। प्रदर्शनकारियों ने भारतीय उच्चायुक्त के बाहर वीजा सम्बंधित कार्यों के लिए इंतज़ार कर रहे लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया था। हमलावरों ने खालिस्तानी समर्थक झंडे भी फहराए थे।
#WATCH Pakistan’s ISI backed Khalistanis attacked a number of British Indians who were standing outside the Indian High Commission in London on March 9. The men wearing Sikh turbans raised slogans 'Naraa-e-Taqbeer' & 'Allah-u-Akbar' pic.twitter.com/7L5Fume7nv
— ANI (@ANI) March 10, 2019
भारतीय जनता पार्टी के विदेशी सेल के चेयरमैन विजय चौथाईवाले ने इस वारदात के बाबत बताया कि “कुछ खालिस्तानी समर्थकों और पाकिस्तानियों ने लंदन में स्थित भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन करने की कोशिश की थी। कुछ भारतीयों ने इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। इसके बाद हमलावरों ने भारतीय लोगों पर हमला किया और इसमें कुछ लोग जख्मी हो गए थे।”
Yesterday, when members of Indian Diaspora tried to peacefully counter joint protests by Pakistan-Khalistan supporters in from of Indian High Commission in London, they were attacked. @lpsmediaoffice remained mute spectators. @FT @guardian @MEAIndia @UKinIndia @MayorofLondon https://t.co/OA4O4eBLCT
— Dr Vijay Chauthaiwale (@vijai63) March 10, 2019
उन्होंने कहा कि “अफ़सोस कि लंदन पुलिस ने इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की और इस हिंसा को रोकने का प्रयास नहीं किया था।”
पुलवामा आतंकी हमला एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किया गया था, जिसने विस्फोटक से भरी कार को सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी थी। काफिले में 70 से अधिक वाहन और 2,500 से अधिक कर्मी थे। हमला तीन साल में सबसे बड़ा हमला है। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी समूह ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है।
इस हमले के बाद भारत पाकिस्तान संबंधों में तनाव आ गया था और विश्व भर में पाकिस्तान की करतूत के खिलाफ भारतीयों ने प्रदर्शन किया था। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के दबाव में आकर पाकिस्तान ने आतंकी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी थी।
जवाबी कार्रवाई में 26 फरवरी को भारत सरकार ने दावा किया कि भारतीय वायुसेना के विमानों ने खैबर पख्तूनवा के बालाकोट में आतंकियों की शिविरों पर बमबारी की थी जिसमे करीब 300 आतंकी मारे गए थे। ख़ुफ़िया रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने जैश ए मोहम्मद के सबसे विशाल आतंकी कैंप को तबाह किया था।
विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि “इस अभियान में बड़ी संख्या में जेईएम के आतंकी, प्रशिक्षक, वरिष्ठ कमांडर, फियादीन हमले के लिए तैयार किये जा रहे जिहादियों का समूह को नेस्तनाबूत कर दिया गया है। बालाकोट में जेईएम का प्रमुख मौलाना युसूफ अज़हर था। जो जेईएम के सरगना का साला था।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि “जैश ए मोहम्मद ने पुलवामा आतंकी हमले अंजाम देने की बात कबूली थी इसके बाजवूद पाकिस्तान इस बात को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। ऐसा लगता है पाकिस्तान जैश ए मोहम्मद के प्रवक्ता के तौर पर कार्यरत है और उसे बचाने का प्रयास कर रहा है।”
पाकिस्तान नें लगाया यह आरोप
इस घटना के सन्दर्भ में पाकिस्तान की ओर से कहा गया है कि भारतीय उच्चायोग के बाहर कुछ खालिस्तानी समर्थक शान्ति रूप से प्रदर्शन कर रहे थे, तभी नरेन्द्र मोदी के कुछ समर्थकों नें उनपर हमला कर दिया।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ये लोग भारतीय जेल में बंद कुछ खालिस्तानी समर्थकों को जेल से छुड़ाने के लिए भारतीय सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान कुछ कश्मीरियों नें इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
BGP goons attacked on peaceful protest of Kashmiri and Sikh activists outside Indian high commission. pic.twitter.com/Klo9oJjr0s
— Farid Ahmed (Qureshi) (@FaridQureshi_UK) March 9, 2019
फरीद कुरैशी नामक एक पाकिस्तानी रिपोर्टर नें यह दावा किया है कि कुछ भारतियों नें उनपर हमला किया जिसके बाद उनकी नाक और चेहरे पर चोट आई है।