ब्रिटेन में जलवायु परिवर्तन को लेकर राजधानी लंदन में सैकड़ों लोग सड़कों पर उत्तर आये और जमकर प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों ने मांग है कि “जलवायु परिवर्तन और इकोलॉजिकल इमरजेंसी के लिए सरकार कोई निर्णायक कार्रवाई करें।” इस प्रदर्शन का आवहान ब्रिटिश क्लाइमेट आर्गेनाईजेशन एक्सटिंक्शन रिबेलियन ने किया था। यह 33 देशों से अधिक कम से कम 80 शहरो में हुआ था।
एक प्रदर्शनकारी ने सीएनएन से कहा कि “मैं यहां सरकार को सच बोलने के लिए मज़बूर करने की इच्छा से आया हूँ। यह हमारी प्राथमिकताओं के बाबत है। जीवाश्म ईंधन उद्योग, बैंक, कारोबार यह सभी के हित में हैं कि कार्बन उदासीन रहे। मैं यह अपने बच्चे के लिए हूँ, मैंने अपनी जिंदगी जी ली है लेकिन मैं अपने बच्चों के लिए एक सामान्य जीवन चाहती हूँ, लेकिन शायद उनके पास मौका नहीं है।”
सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रदर्शनकारियों ने खुद को दरवाजे, बेंच और अन्य सामानो से चिपका लिया था। साथ ही वे पेड़, पौधे और सोलर पैनल लाये थे और वॉटरलू के ब्रिज को जाम कर दिया था। लंदन में प्रदर्शनकरियों द्वारा पांच जगहों पर किये गए प्रदर्शन में वॉटरलू भी एक था।
प्रदर्शनकारी मार्क ऑवलान्ड ने कहा कि “जलवायु के साथ क्या हो रहा है उसके संकेत लोगों को बीते 30 वर्षों से मिल रहे हैं, पारिस्थितिक संकट के साथ कुछ भी संभव नहीं है। हमने पत्र लिखने की कोशिश की, हमने खुद के बलबूते पर वोटिंग की, हमने सभी मार्गो से कैंपेन करने की कोशिश की थी लेकिन कुछ भी काम नहीं आया। उत्सर्जन का स्तर साल दर साल ऊपर की तरफ बढ़ रहा है और यह हमारी सोच का आखिरी पड़ाव था।”
मार्क ने ऑक्सफ़ोर्ड सर्कस पर खुद को एक गुलाबी नाव से चिपका रखा था। उन्होंने कहा कि “हम लोगो को परेशान नहीं करना चाहते हैं लेकिन हम जानते हैं कि इससे लोगो का ध्यान आकर्षित होगा। हमें इसे करने की जरुरत है।”