चार फाइनल और चार आईपीएल खिताब के साथ रोहित शर्मा को अब आईपीएल के सबसे सफल कप्तान बन गए है। कप्तान के रुप में रोहित सात आईपीएल सीजन खेल चुके है और रोहित के पास एक कप्तान के रुप में सबसे ज्यादा सफलता है। हालांकि, वह ऐसे कप्तान होने का श्रेय नहीं लेना चाहता जिसने इन वर्षों में बड़ी सफलता हासिल की हो।
उन्हें लगता है कि वह भाग्यशाली है कि वह एक ऐसी टीम का नेतृत्व कर रहें जो सभी आधारों को कवर कर रही और टी 20 प्रारूप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है। रोहित ने यह भी स्वीकार किया कि वह भाग्यशाली है कि उनके पास एक अनुभवी सहयोगी स्टाफ है जो उनके लिए रणनीति बनाने में मदद करते है। भारत की सीमित ओवरों की टीमों के उप-कप्तान ने अक्सर डेटा और मैच-अप के महत्व पर प्रकाश डाला है।
विजयी कप्तान ने मैच के बाद कहा, ” मैं भाग्यशाली हूं कि मेरे पास एक ऐसी टीम है। हम एक दूसरे की क्षमता पर विश्वास करते है जो कि एक महत्वपूर्ण चीज है। हम रणनीतियों पर विश्वास करते है और मेरे लिए यह भी भाग्याशाली है कि, जो मेरे पास स्टाफ है वह भी हमारे लिए अच्छी चीजे कर रहे है। मैं योजना बनाने का दृढ़ विश्वासी हूं।”
रोहित ने कहा, “आप जो भी खेल खेलते हैं, आपको एक योजना के साथ जाना पड़ता है और विपक्ष के चारों ओर कुछ प्रकार की रणनीति होती है। आपको थोड़ा गतिशील होने की जरूरत है, इस क्षेत्र में आप जो हासिल करना चाहते हैं उसके संदर्भ में अलग होना चाहिए।”
मैंने और मलिंगा ने धीमी गेंद फेंकने लिए विचार किया था
एमआई के लिए इस सीजन सबसे अच्छी बात यह रही है की टीम ने मैच के महत्वपूर्ण लम्हो में सही निर्णय किए है। और ऐसा ही कुछ सीएसके के खिलाफ फाइनल मैच में देखने को मिला है। मलिंगा ने अपने शुरुआती तीन ओवरो में बहुत रन दिए थे फिर भी कप्तान ने हार्दिक पांड्या के ओवर बचे होने के बावजूद अनुभवी मलिंगा के साथ जाना सही समझा। सही निर्णय का टीम को एकदम सही परिणाम मिला और टीम ने 1 रन से मैच जीतकर आईपीएल की ट्रॉफी में चौथी बार कब्जा किया।
रोहित ने कहा, ” हमें इसे सुपर ओवर में नही ले जाना चाहते थे। हमने सोच रखा था कि हम विकेट ले और इसे यही खत्म करे। ये किसी और तरीके से नही जाना चाहिए। लेकिन हमार विचार केवल बल्लेबाज को आउट करना था। मैं जानता हूं सही से जानता हूं। वह मुंबई के लिए खेलते थे और मैं उन्होने बहुत लंबे समय से जानता हूं। तो मुझे पहले ही अंदाजा लग गया था कि वह कहां हिट करना चाहते है।”
उन्होने कहा, ” मैंने और मलिंगा ने साथ मिलकर निर्णय लिया कि वह एक घीमी गति की गेंद के साथ जाएंगे क्योंकि शार्दुल को जानते थे कि वह एक लंबे शॉट की फिराक में होंगे और यही एक मौका बन सकता था कि उन्हे आउट किया जाए। उस समय पर आपका निर्णय बहुत महत्वपूर्ण होता है। आपको उससे समय निडर होने की जररुत होकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लेने की जरुरत होती है।”