रोहिंग्या संकट को लेकर बांग्लादेश ने कंबोडिया से मदद की गुहार की है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को रोहिंग्या संकट का स्थायी समाधान विकसित करने करने के लिए कंबोडिया से मांग की।
कंबोडिया की राजधानी में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना व कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन के बीच में रोहिंग्या संकट को लेकर वार्ता हुई।
शेख हसीना ने सयुंक्त वक्तव्य के दौरान कहा कि हमने अपने क्षेत्र के सामने उभरती हुई सुरक्षा चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया है और आतंकवाद और उग्रवाद से लड़ने के हमारे आम संकल्प को व्यक्त किया है। इसके अलावा शेख हसीना ने कहा कि हमने रोहिंग्या संकट पर भी चर्चा की है जो हमारे क्षेत्र की शांति और स्थिरता का खतरा है।
हुन सेन के साथ मुलाकात के दौरान शेख हसीना ने उनसे रोहिंग्या संकट के टिकाऊ समाधान निकालने की मांग की है। जिसमें बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में रह रहे रोहिंग्या को अपने देश सुरक्षित वापसी करना शामिल है।
कंबोडिया नेता ने बांग्लादेश के प्रयासों को सराहा
वहीं कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन ने कहा कि हम बांग्लादेश के रोहिंग्या लोगों को शरण देने के मामले में काफी सराहना करते है। हालांकि इस देश की आबादी 160 मिलियन से अधिक है। इसके बाद भी बांग्लादेश ने रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दों को अपने कंधे पर ले लिया।
बांग्लादेश सरकार ने भी रोहिंग्या संकट के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने का प्रयास किया है। संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, अमेरिका और अन्य दलों ने रोहिंग्या संकट पर बांग्लादेश के प्रयासों के लिए उनकी सराहना व्यक्त की है।
गौरतलब है कि म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों पर म्यांमार सेना ने काफी अत्याचार किए जिसमें लाखों की संख्या में लोग बेघर हो गए। जो कि अब बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में रह रहे है।
हालांकि बांग्लादेश और म्यांमार ने हाल ही में रोहिंग्या शरणार्थियों के अपने देश लौटने के लिए 23 नवंबर को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए है।