संयुक्त राष्ट्र से तीन आला अधिकारीयों का प्रतिनिधि समूह बांग्लादेश पंहुचेंगे जो कॉक्स बाजार में रोहिंग्या शरणार्थियों से भी मुलाकात करेगा।
शरणार्थियों के लिए यूएन उच्चायोग के प्रमुख फिलिप्पो ग्रान्डी, इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन के डायरेक्टर जनरल एन्टोनियो वीटोरिनो और यूएन सेक्रेटरी जनरल के अधीन मानवीय मामलो और तत्काल राहत संयोजक मार्क लोकॉक तीन दिवसीय यात्रा पर बुधवार को ढाका पंहुचेंगे।
हालात जस के तस
यूएनएचसीआर ने प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा कि “इस संयुक्त यात्रा का उद्येश्य तक़रीबन 10 रोहिंग्या शरणार्थियों की मानवीय जरूरतों के किये समर्थन की जरुरत को रेखांकित करना है।”
ढाका ट्रिब्यून से बातचीत में सरकारी अधिकारी जारी संकट में बदलाव के प्रति आशावादी नहीं दिखते है। उन्होंने कहा कि “इसी की तरह कई उच्च स्तर की यात्रा हुई है लेकिन हालात वैसे ही है जैसे साल 2017 की शुरुआत में थे। यूएन को म्यांमार पर दबाव डालने की जरुरत है कि वह अपने नागरिकों को वापस ले लेकिन वैश्विक संस्था न ऐसा करती दिख रही है या करने में असमर्थ है।”
शरणार्थी राहत और प्रत्यर्पण कमिश्नर अब्दुल कलाम ने ढाका ट्रिब्यून से कहा कि “हालात जैसे के तैसे हैं। रोहिंग्या शरणार्थियों की देश वापसी के बाबत कोई प्रगति मैंने अब तक नहीं देखी है। यूएन के तीन प्रमुखों की यात्रा निसंदेह वैश्विक मीडिया का ध्यान आकर्षित करेगी”
बांग्लादेश में यूएन के प्रतिनिधि ढाका के आला अफसरों से बातचीत करेंगे। इसमें प्रधानमंत्री शेख हसीना और विदेश मंत्री डॉक्टर एके अब्दुल मोमेन शामिल है। इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा बांग्लादेश की अधिक मदद के मार्गों का विस्तार करने पर चर्चा की जाएगी।
कार्यक्रमों का जायजा
वे रोहिंग्या शरणार्थियों से मुलाकात के लिए कॉक्स बाजार का भी दौरा करेंगे। साथ ही मानसून के आगमन की तैयारियों और भोजन बांटने और शिविरों को तैयार करने वालो में शामिल लोगो से बातचीत करेंगे। कार्यकर्ताओं के तौर पर कार्य कर रहे शरणार्थियों से भी प्रतिनिधि समूह मुलाकात करेगा। साथ ही यूएनएचसीआर-बांग्लादेश सरकार पंजीकरण अभियान, सभी शरणार्थियों को पहचान पत्र मुहैया करने की तैयारियों का जायजा भी लेगा।
इसके आलावा मदद तक रोहिंग्या मुस्लिमों की पंहुच, संरक्षण और म्यांमार में वापसी के अधिकारों की स्थापना करना शामिल है। इस यात्रा का मसकद मानवीय मदद के लिए मज़बूत, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के जारी रखने को रेखांकित करना है। म्यांमार के रखाइन प्रान्त में रोहिंग्या शरणार्थियों को स्वेच्छा से भेजा जाना चाहिए जहां उनकी सुरक्षा और गरिमा को कोई हानि न पंहुचे। प्रतिनिधि समूह शुक्रवार को कॉक्स बाजार के होटल में प्रेस कांफ्रेंस के साथ इस यात्रा की समाप्ति करेगा।