रोहिंग्या का संकट गहराता जा रहा है। रोहिंग्या को सिर्फ म्यांमार में ही नहीं बल्कि बांग्लादेश में भी काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों के हजारों बच्चे कुपोषण के शिकार है।
जिसकी वजह से बड़ी संख्या में बच्चे मौत के शिकार हो रहे है। रोहिंग्या को बांग्लादेश में शिविरों में ऐसी जगह पर रहने को मजबूर होना पड़ रहा है जहां पर गंदगी व बीमारियां फैली हुई है। शरणार्थियों के खाने-पीने के पर्याप्त इंतजाम भी नहीं है जिससे इन्हें पौष्टिक भोजन मिलना तो काफी दूर की बात है।
शरणार्थी शिविरों में रहने वाले रोहिंग्या बच्चों की बीमारी को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ और बांग्लादेश सरकार ने बच्चों को खसरे के टीके लगाने की जानकारी दी है।
कुपोषण से करेंगे दूर
जानकारी के अनुसार बांग्लादेश में अस्थायी शरणार्थी शिविरों में रहने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों में खसरे की बीमारी आशंका ज्यादा लग रही है। जिसके मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र संघ और बांग्लादेश सरकार ने कहा है कि वे मिलकर इन शरणार्थियों को खसरे का टीका लगाएंगे ताकि इन्हें ये बीमारी न हो पाए।
संयुक्त राष्ट्र की महासचिव के मुताबिक म्यांमार की राजधानी रखाइन प्रांत से जो लोग बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में रहने को मजबूर है उनके लिए सबसे ज्यादा चिंता स्वास्थ्य की है। यहां पर रहने वाले हजारों की संख्या में बच्चे कुपोषण के शिकार है। जो कि काफी खतरनाक स्थिति ले चुका है।
यूनिसेफ की माने तो रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों में करीब 25,000 बच्चे गंभीर कुपोषण से पीड़ित है। गौरतलब है कि म्यांमार से करीब 6 लाख रोहिंग्या मुसलमानों को अपना देश छोडने को मजबूर होना पड़ा है जो कि बांग्लादेश के शिविरों में रहने को मजबूर है।
रोहिंग्या शरणार्थी संकट के तहत बड़ी संख्या में मिली राशि रोहिंग्या पर खर्च होगी। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि दान में मिली राशियों का जितनी जल्दी हो सके रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए खर्च करे।
संयुक्त राष्ट्र व बांग्लादेश सरकार मिलकर पीड़ित रोहिंग्या बच्चों को खसरे का टीका लगाएगी। ताकि बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सके।