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    मलेशिया में रोहिंग्या शरणार्थी

    मलेशिया के विभाग ने सोमवार को कहा कि उन्होंने समुन्द्र में नावें देखी है जिसमे करीबन 200 रोहिंग्या शरणार्थियों के होने की आशंका है। हाल ही में दर्जनों रोहिंग्या शरणार्थी देश के उत्तरी भाग में मिले थे।

    रायटर्स के मुताबिक पुलिस के प्रमुख नूर मुशर मोहमद ने बताया कि “41 रोहिंग्या पुरुष और बच्चे, 14 से 30 वर्ष की आयु के सोमवार को सुंगई बेलाती बीच पर उतरने के बाद सिम्पांग इम्पाट के शहर के नजदीक मिले थे।”

    बीते माह 35 रोहिंग्या शरणार्थी पर्लिस के उत्तर राज्य के इसी किनारे पर उतरे थे जो थाईलैंड की सीमा से लगते हैं। नूर मुशर ने बताया कि “200 रोहिंग्या शरणार्थी नावों पर सवार यक़ीनन समुद्र में हैं। अगर हम उन्हें अपने जलमार्ग पर ढूंढते हैं तो हम उन्हें समुद्र तट के किनारे पर ले आएंगे। हालाँकि यह स्पष्ट नहीं हैं कि यह समूह म्यांमार से है या बांग्लादेश से भागकर आया है।”

    साल 2017 में म्यांमार में सेना के शोषण से बचने के लिए 700000 रोहिंग्या शरणार्थियों ने बांग्लादेश की सीमा पार की थी। रोहिंग्या मुस्लिमों को अवैध प्रवासी कहता है और साल 2012 में हिंसा भड़कने के बाद उन्होंने हज़ारो नागरिकों की पंहुच शिविरों तक कर दी है।

    हज़ारो रोहिंग्या शरणार्थी समुन्द्र के मार्ग से भाग निकले थे। यह सिलसिला साल 2015 में अपने चरम पर था जब करीब 25000 लोगों ने थाईलैंड, मलेशिया और इंडोनेशिया के लिए अंडमान सागर को पार किया था। शरणार्थियों ने असुरक्षित और ओवरलोडेड नावों से सफर किया था।

    हिरासत में एक शरणार्थी के हवाले से पुलिस प्रमुख ने कहा कि “सोमवार को पर्लिस पंहुची नाव में 47 रोहिंग्या शरणार्थी थे और सभी ने थाईलैंड के तस्कर को मलेशिया पंहुचाने के लिए 976.80 डॉलर का भुगतान किया था। समुंद्री तट के एक किलोमीटर दूर इस 47 शरणार्थियों के समूह को छोड़ दिया गया था और एक घंटे उन्होंने कीचड़ में यात्रा की थी। इनमे से 41 लोगो को हिरासत में ले लिया गया है जबकि छह लोग गायब है।”

    उन्होंने कहा कि “यहां उनका अभिवादन करने वाला कोई मौजूद नहीं था, उन्होंने अपने गाँवों से भिन्न समूहों में यात्रा की शुरुआत की थी और कीचड़ पर चलकर इसे खत्म किया था। उनकी कठोर परीक्षा के आलावा उनकी सेहत बिलकुल दुरुस्त है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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