म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर अत्याचारों के बाद बांग्लादेश में रहने वाले शरणार्थियों की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। कुछ समय पहले बांग्लादेश व म्यांमार के बीच में रोहिंग्या की सुरक्षित घर वापसी को लेकर समझौता हुआ था। जिसके तहत शरणार्थी रोहिंग्या को म्यामांर के रखाइन प्रांत में वापस से भेजा जाना था।
बांग्लादेश के एक अधिकारी के मुताबिक रोहिंग्या शरणार्थियों की घर वापसी को अगले महीने तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। अधिकारी के अनुसार बांग्लादेश में रहने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों की म्यामांर में घर वापसी को कई कारणों से अगले महीने के लिए स्थगित किया गया है। इन कारणों में पारगमन (ट्रांजिट) शिविर व सत्यापन प्रक्रियाओं सहित अन्य शामिल है जिन्हें अभी स्थगित कर दिया गया है।
इसका मतलब साफ है कि रोहिंग्या शरणार्थियों की म्यांमार वापसी में देरी हो सकती है। बांग्लादेश के शरणार्थी राहत और प्रत्यावर्तन आयुक्त अब्दुल कलाम ने गुरुवार को कहा कि हमें रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार में वापस भेजने के लिए आवश्यक सभी प्रासंगिक तैयारी को अंतिम रूप देने में एक माह की आवश्यकता है।
इसलिए इन तैयारियों को पूरा करने के बाद ही उन्हें म्यांमार में वापस से भेजा जा सकता है। कलाम ने कहा कि म्यांमार के रखाइन प्रांत में आपातकालीन उपयोग के लिए कम से कम दो पारगमन शिविरों का निर्माण किया जा रहा है।
गौरतलब है कि म्यांमार व बांग्लादेश के बीच में रोहिंग्या शरणार्थियों की घर वापसी को लेकर समझौता हुआ है। जिसके तहत म्यांमार हर हफ्ते 1500 रोहिंग्या शरणार्थियों को स्वीकार करने और अस्थायी रूप से पारगमन शिविरों में ठहराने के लिए सहमत हुआ है।
कलाम ने कहा कि बांग्लादेश की तरफ से जल्द से जल्द कागजी कार्रवाई पूरी करने की कोशिश की जा रही है ताकि जल्द ही रोहिंग्या शरणार्थियों की सुरक्षित घर वापसी हो सके। दरअसल म्यांमार में वापसी करने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों को इस तरह से भेजा जा रहा है ताकि एक परिवार व गांव के लोग वहां पर साथ में जा सके।