म्यांमार की अदालत ने बीते वर्ष रायटर्स के दो पत्रकारों को देश के गोपनीय कानून का उल्लंघन करने के जुर्म में सात वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई थी। दो पत्रकार क्याव सोए ऊ और वा लोन रोहिंग्या मुस्लिमों पर रिपोर्टिंग कर रहे थे। इस केस की दक्षिणपंथी समूहों, विदेश सरकारों और मीडिया निगरानी कर्ता समूह ने आलोचना की थी।
पत्रकार क्याव सोए ऊ :
28 वर्षीय पत्रकार को गिरफ्तारी के दौरान रायटर्स में नौकरी करते हुए 3 माह हुए थे। इनका जन्म म्यांमार के रखाइन राज्य के हैमलेट में क्याव से गाँव में हुआ था। इनकी परवरिश जल्द ही राज्य की राजधानी में परिवर्तित होने वाले शहर सिट्ट्वे में हुई थी।
म्यांमार के पश्चिमी बॉर्डर बांग्लादेश में बीते कुछ वर्षों से हिंसा बढ़ गया था और रखाइन बौद्ध व रोहिंग्या मुस्लिमों के मध्य हिन्सजनक घटनाएं भी बढ़ने लगी थी। लेकिन पत्रकार इस सांप्रदायिक तनाव से दूर रहता था और लाइब्रेरी या लिखने में अधिकतर समय व्यतीत करता था।
म्यांमार सेना द्वारा अगस्त 2017 में रोहिंग्या मुस्लिमों पर अत्याचार करने के दौरान रायटर्स ने क्याव को पत्रकार के तौर पर नियुक्त किया था। इससे पूर्व पत्रकार सिट्ट्वे में डेवलपमेंट मीडिया ग्रुप के साथ कार्य करता था। गिरफ्तारी के बाद क्याव और उसकी और उसकी पत्नी चित सु विन को जान से मारने की धमकियाँ और अप्पतिजनक सन्देश मिल रहे हैं। चित सु विन ने कहा कि “वह हमेशा अपने पति के पेशे के चुनाव को लेकर परेशान रहती थी, लेकिन कभी इस सज़ा का अंदेशा नहीं था।”
इस जोड़े की तीन वर्षीय एक बेटी है, जिसे अपने पिता की कारावास की सज़ा से दूर रखा गया है। पत्रकारी की पत्नी ने कहा कि “उनकी बेटी रोजाना अपने पिता से मुलाकात करने के लिए जिद्द करती है। वह उन्हें सच में देखना चाहती है।”
पत्रकार वा लोन
वा लोन ने हाल ही अपना 32 वां जन्मदिन अप्रैल में जेल में मनाया था, उनके दोस्त अदालत में उनके लिए केक लेकर गए, जहां कानून का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ सुनवाई चल रही थी। इनका जन्म मध्य म्यांमार के शहर श्वे बो में हुआ था, यह एक किसान के पुत्र है और हाई स्कूल उत्तीर्ण कर्ण एमे भी असमर्थ रहे थे।
साल 2010 में अपने भाई के साथ फोटोग्राफी का बिज़नेस शुरू करने वह यांगून आ गये और अग्रेजी सिखने की क्लास लेना शुरू कर दिया। उन्होंने साल 2014 में म्यांमार टाइम्स जॉइन किया था और साल 2016 में उन्हें रायटर्स ने रखा था। साल 2015 में पत्रकार को यांगून जर्नलिज्म स्कूल ने म्यांमार के शान राज्य पर रिपोर्टिंग के लिए सम्मानित किया था।
उन्होंने जेल में बच्चों के लिए एक किताब “जय जय जर्नालिस्ट” लिखी है, यह एक लड़के जय जय की कहानी है जो फक्ट्रियों से निकल रहे रासनायिक पदार्थ से नदियों में बढ़ते प्रदूषण का खुलासा करता है। वा लोन की पत्नी ने अपनी पहली संतान को जन्म दिया है और वह पिता बनने से काफी खुश हैं। हाल ही जेल में मिलने गए उनके दोस्त ने कहा कि “उनका स्वास्थ्य ठीक है और वह अपना अधिकतर समय किताबे और अखबार पढने में बिताते हैं। वह क्याव सोए ऊ को अंग्रेजी भी सिखा रहे हैं।